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राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

1. आप सबने जिस स्नेह और उत्साह के साथ मेरा अभिनंदन किया है उससे मैं अभिभूत हूँ। इस अभिनंदन के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार व्यक्त करता हूँ।

2. मुझे याद आता है कि पहली बार मैं सन 1974 में हिमाचल प्रदेश आया था। उसके बाद मैं पिछले कई वर्षों से समाज-कल्याण से जुड़े अनेक समारोहों में भाग लेने के लिए हिमाचल प्रदेश आता रहा हूँ। पिछले वर्ष भी हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के निमंत्रण पर, मई महीने के अंत में बिहार के राज्यपाल के रूप में, मैं यहाँ आया था। यहाँ से जाने के ठीक बीस दिन बाद ही मुझे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में मनोनीत किया गया। यह भी एक सुखद संयोग है कि मेरा इस बार हिमाचल में इस महीने की बीस तारीख को ही आगमन हुआ है। इस प्रकार अपने मनोनयन में, मैं देवभूमि हिमाचल के आशीर्वाद को देखता हूँ। आज भारत के राष्ट्रपति के रूप में हिमाचल प्रदेश में पहली बार आकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।

3. भारत के प्राचीनतम ग्रंथ माने जाने वाले ‘ऋग्वेद’ में हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र से जुड़े व्यापक उल्लेख पाए जाते हैं। ‘सतलुज’ और ‘व्यास’ नदियों के हिमाचल क्षेत्र में बहने वाली धाराओं का विशेष वर्णन मिलता है। इन वर्णनों द्वारा भारतीय परंपरा में प्रकृति के लिए गहरे सम्मान की जानकारी मिलती है।

4. हिमाचल प्रदेश अध्यात्म, संस्कृति और पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। अनेक नदियों के उद्गम और हिमाच्छादित पहाड़ों के इस क्षेत्र को तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता रहा है। प्रसिद्ध शक्तिपीठों, ज्योतिर्लिंग तथा बौद्ध केन्द्रों में आने वाले लोगों के कारण विभिन्न परम्पराओं का जीवंत रूप यहाँ देखने को मिलता है। महाभारत की कथाओं में हिमाचल-क्षेत्र में हुए युद्धों के वर्णन भी पाए जाते हैं।

5. हिमाचल प्रदेश की इस भूमि ने देश की रक्षा करने वाले अनेक शूरवीरों को जन्म दिया है। देश के पहले परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म कांगड़ा में हुआ था। भारत को स्वतन्त्रता प्राप्त किए हुए कुछ सप्ताह ही हुए थे जब हमारी आजादी की रक्षा करते हुए वे मात्र चौबीस वर्ष की अल्पायु में ही शहीद हो गये थे। इस तरह वे देश के लिए मर मिटने वाले हिमाचल प्रदेश के बहादुरों की उस महान परंपरा से जुड़ गए जिसमें उनसे लगभग सौ साल पहले शहीद होने वाले राम सिंह पठानिया का नाम बहुत आदर के साथ लिया जाता है। शहीद राम सिंह पठानिया ने अपने मुट्ठी भर साथियों के साथ अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिलाकर रख दी थी। जब पठानिया वीरगति को प्राप्त हुए उस समय उनकी उम्र भी केवल 24 वर्ष ही थी। कारगिल युद्ध के शहीद, मरणोपरांत परम वीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार और कारगिल के नायक, शहीद कैप्टन सौरभ कालिया ने पूरे देश का और हिमाचल प्रदेश का मस्तक ऊंचा किया है। हिमाचल प्रदेश में अनेक सार्वजनिक स्थलों पर शहीदों की मूर्तियाँ देखने को मिलती हैं। उनके सम्मान में उद्यानों, सड़कों और चौराहों का नामकरण होता है। यह हिमाचल प्रदेश के निवासियों के हृदय में उन वीरों के प्रति असीम सम्मान को दर्शाता है। हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गाँव के युवा भारतीय सेना को सेवा प्रदान कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि राज्य में भूतपूर्व सैनिकों की संख्या एक लाख दस हजार से भी अधिक है। और इसीलिए हिमाचल प्रदेश को ‘देव-भूमि’ के साथ-साथ ‘वीर-भूमि’ कहना उपयुक्त प्रतीत होता है।

6. मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि जिस तरह भौगोलिक रूप से हिमाचल प्रदेश ऊंचाई पर है उसी तरह विकास के अनेक मानकों पर भी यह राज्य बहुत ऊंचा स्थान रखता है। उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों से लेकर जम्मू और कश्मीर तक, पूरे हिमालय क्षेत्र में, हिमाचल प्रदेश की एक केंद्रीय स्थिति है। आज हिमाचल प्रदेश को पहाड़ी क्षेत्रों के विकास का मॉडल माना जाता है।

7. हिमाचल प्रदेश की सफलता और विकास के लिए राज्य के सभी निवासियों को मैं बधाई देता हूँ। राज्य को नई ऊर्जा के साथ विकास के शिखर की ओर ले जाने के प्रयासों को मार्ग-दर्शन देने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी और कुशल नेतृत्व प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी की मैं सराहना करता हूँ।

8. शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं में उल्लेखनीय विकास करते हुए हिमाचल प्रदेश ने समावेशी विकास के प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। साक्षरता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर, गरीबी उन्मूलन, प्रति-व्यक्ति आय, लाइफ एक्सपेक्टेंसी, बिजली और पानी की उपलब्धता आदि सभी पैमानों पर हिमाचल प्रदेश ने विकास के प्रभावशाली परिणाम दिए हैं जिसका प्रमुख श्रेय यहाँ की जनता को जाता है। अनुसूचित जातियों, जनजातियों और महिलाओं की विकास में भागीदारी और समाज में स्थिति की दृष्टि से इस राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि बेटियों और महिलाओं के हित में ‘उज्ज्वला योजना’, ‘बेटी है अनमोल योजना’ और ‘सशक्त महिला योजना’ जैसी प्रमुख योजनाओं द्वारा योगदान दिया रहा है।

9. हिमाचल प्रदेश हाइड्रो-इलेक्ट्रिसिटी का प्रमुख केंद्र है। यहाँ की नदियों और झरनों में विद्युत-उत्पादन की बहुत अधिक क्षमता है। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश की सफलता सराहनीय है। लेकिन इन क्षेत्रों में विकास की और भी अधिक संभावनाएं है। मैंने कल सोलन में ‘डॉक्टर वाई. एस. परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टिकल्चर एंड फोरेस्ट्री’ में अपने दीक्षांत भाषण के दौरान हिमाचल प्रदेश के लिए फ्रूट एंड वेजीटेबल प्रोसेसिंग के महत्व पर चर्चा की थी।

10. यहाँ इतिहास, अध्यात्म, प्रकृति, स्वास्थ्य, वन्य-जीवन, संस्कृति और साहसिक खेलों से जुड़े पर्यटन केन्द्रों से आकर्षित होकर देश-विदेश के सैलानी बड़ी संख्या में आया करते हैं। हिमाचल में दो श्रेणियों के पर्यटक भ्रमण हेतु आते हैं, एक वे जो यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने के लिए और दुसरे वे जो यहाँ के धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों से जुड़े देवी देवताओं के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए। इस प्रकार हिमाचल में पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या के कारण आज यह प्रदेश राष्ट्रीय एकता और भारतीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि पर्यटन के अनछुए क्षेत्रों के विकास के लिए ‘नई राहें, नई मंज़िलें’ नामक योजना पर काम शुरू किया गया है। ‘स्वदेश दर्शन कार्यक्रम’ समेत पर्यटन के विकास के लिए अन्य कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। मुझे बताया गया है कि कांगड़ा हवाई अड्डे से उड़ानों में वृद्धि होने के कारण पर्यटन के विकास को बल मिलेगा। भारत रत्न से अलंकृत दूरदर्शी पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ‘रोहतांग सुरंग’ का निर्माण कार्य आरंभ करवाया था। मुझे बताया गया है कि यातायात के लिए इस सुरंग का उपयोग निकट भविष्य में ही शुरू होने वाला है। इसके खुल जाने से पर्यटन के साथ-साथ व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में भी बहुत सहायता मिलेगी।

11. मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि हिमाचल प्रदेश ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहाँ प्लास्टिक बैग के उपयोग पर लगा प्रतिबंध सराहनीय है। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत हिमाचल प्रदेश ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित किया जा चुका है।

12. मैं आशा करता हूँ कि हिमाचल प्रदेश के आप सभी निवासी अपनी सांस्कृतिक और नैतिक विरासत को सहेजते हुए आर्थिक और सामाजिक विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मठ निवासी यहाँ के पर्यावरण और वन्य संपदा को बचाकर रखते हुए अपने राज्य को आधुनिक विकास के शिखर तक ले जाएंगे।

13. मैं कुछ दिनों के लिए शिमला प्रवास पर राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार आया हूँ। यद्यपि राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है लेकिन मूल रूप में राष्ट्रपति भी एक इंसान होता है, ऐसा इंसान जो जनता के कष्ट ,पीड़ा और असुविधा के प्रति संवेदनशील हो। मेरा सदैव प्रयास रहता है कि मेरे प्रवास के कारण आम जनता को कम से कम असुविधा हो। मेरे शिमला प्रवास के दौरान भी स्थानीय प्रशासन के संवेदनशील होने के बावजूद भी सुरक्षा एवं यातायात नियंत्रण के कारण आम नागरिकों को कुछ असुविधा हुई होगी, जिसका मुझे खेद है।

14. हमारे लोकतन्त्र का प्रतीक और देश की धरोहर ‘राष्ट्रपति भवन’ हर भारतवासी का भी भवन है। जब कभी आप सब दिल्ली की यात्रा करें, आप सभी का ‘राष्ट्रपति भवन’ में स्वागत है।

15. मैं आप सभी के सुखद और मंगलमय भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं।

--धन्यवाद जय हिन्द!




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