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अंचल के प्रमुख व्यसायिक केंद्र भंवरपुर व सागरपाली में हो रही लाखो की टैक्स चोरी ! ग्राहकों को नही दिया जा रहा है पक्का बिल.

अंचल वासियों की आवश्यकताओ की पूर्ति करने वाले प्रमुख व्यसायिक केन्द्र भंवरपुर व सागारपाली जहां छोटे से लेकर बड़े होल सेल जनरल स्टोर, हार्डवेयर, स्टेशनरी, खाद,कीटनाशक दवा, सोना चांदी, सहित कई दुकानें खुली हुई है। जहां इन दुकानों में हर दिन लाखो का व्यापार होता है। क्षेत्र के लोग हर दिन जरूरत की सामान खरीदने के लिए इन दुकानों में आते है। लेकिन दुकानदारो द्वारा किसी भी ग्राहक को सामान खरीदी का पक्का बिल नही देते है।मात्र कागज की सफेद पर्ची पर हिसाब किताब लगाकर ग्राहक को पकड़ा देते है।यदि कोई ग्राहक पक्का बिल मांगता है तो उसे बिना टिन नम्बर वाली बिल थमा दिया जाता है। जो कि वस्तु अधिनियम तथा आयकर का खुलेआम उल्लंघन है। 

इसके बावजूद सम्बन्धित विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। कई बड़ी दुकानें ऐसी है जिन पर रोजाना 50 हजार से लाख रुपए तक का व्यापार होता है।लेकिन पक्का बिल नही दिया जाता है। दुकानदार द्वारा कागज की सफेद पर्ची पर खरीदी गई सामान कि हिसाब किताब लगाकर राशी वसूल की जाती है। या फिर दुकान कि बिल बुक छपवा कर बिना टिन नम्बर के बिल थमा दिया जाता है।  सोने चांदी, लोहा, कपड़ा, किराना, हार्डवेयर, जनरल, खाद, कीटनाशक सहित थोक सामग्रियों का विक्रय कर रहे व्यापारी, दुकानों पर ग्राहकों को खरीदी करने के बाद पक्के बिल नहीं दिये जा रहे। जिसके चलते जहां एक तरफ ग्राहकों को बिल के अभाव में सामान के खरीदी के उपरांत बदलने या फिर वापिस करने में काफी परेशान होना पड़ता है। कभी-कभी तो ग्राहक और दुकानदार में विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है वहीं दूसरी तरफ इन कच्चे सादे कागज की पर्चियों पर दिये जा रहे बिलो के चलते शासन को भी टैक्स के रूप में मिलने वाली राशि का चूना लग रहा है।

सम्बन्धित विभाग नहीं दे रहे ध्यान

सम्बन्धित विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता और लापरवाहियों के चलते क्षेत्र के व्यापारी टैक्स के रूप में शासन को प्रतिमाह लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं, और जिम्मेदार तनिक भी गंभीर नजर नहीं आते। सम्बन्धित विभाग के कोई भी अधिकारी क्षेत्र में नहीं दिखाई देते और ना ही इन सादे कागजों की पर्चियों पर लाखों का व्यापार करने वालों पर कोई कार्रवाई करता। विभाग के जिम्मेदारों को चाहिए कि क्षेत्र में सादे कागजों की पर्चियों पर चल रहे लाखों के व्यवसाय पर नजर रखी जाए और उपभोक्ताओं के पक्के टिन नंबर वाले बिल लेने के लिए जागरूक किया जाए ताकि दुकानदार टैक्स की चोरी ना कर सके और शासन को आय हो सके।




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