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सामुदायिक वन अधिकार एवं वन संसाधन पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

ग्रामवासियों के साथ मिलकर विकास की योजना बनाने एवं काम करने की जरूरत: मुरूगन

अनुसूचित जनजाति परम्परागत निवासी वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं यथा संशोधित नियम 2012 के तहत विगत बुधवार को यहां वन विद्यालय में संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सामुदायिक वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधन विषय पर आधारित थी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के. मुरूगन ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

उन्होंने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि वनांचल क्षेत्रों में माॅडल सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्र विकसित करने पर बल दिया। उन्होनंे पारंपरिक सीमा के अन्तर्गत वनों का संरक्षण, पुर्नजीवन एवं प्रबंधन करने की बात कही। श्री मुरूगन ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि अब गांव और वन के विकास के लिए सरकारी विभागों और ग्रामवासियों के साथ मिलकर विकास की योजना बनाने एवं काम करने की जरूरत हैं। 

मुख्य वन संरक्षक  जे.आर. नायक ने वन अधिकार मान्यता अधिनियम की मूल अवधारणाओं के बारे में बताया गया। जिला बलौदाबाजार के वनमण्डलाधिकारी आर.के तिवारी ने प्रशिक्षाणर्थियों को कम्प्यूटर आधारित प्रजेन्टेशन  के जरिए अधिनियम की विभिन्न धाराओं, प्रावधान एवं दावा आपत्तियों के निराकरण के साथ ही अन्य जरूरी बातों को समझाया और बताया गया। कार्यशाला में रायपुर वृत्त महासमुंद सहित गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार और रायपुर के वनमण्डलाधिकारी उपस्थित थे। वनमंडलाधिकारी मयंक पाण्डेय से सभी का आभार व्यक्त किया।




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