news-details

... कोरोना महामारी - एक सामाजिक आईना ...

कोरोना एक बहुत बड़ी महामारी के रूप में छाया हुआ है। जिसके कारण लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। एवम हज़ारों डॉक्टर एवम स्टॉफ कोरोना से लड़ते हुए अपनी जान गंवा चुके है। लेकिन कुछ पहलुओं पर विशेष तौर पर गौर करने की जरूरत है।

01.एकमात्र उम्मीद, सरकारी अस्पताल - इसमें कोई शक की बात नही है कि आम जनता को सरकारी अस्पतालों अहमियत भी पता चली है क्योंकि इस महामारी में 99% भारतीय नागरिक के लिए सरकारी अस्पताल एकमात्र उम्मीद की किरण है। अतः स्वास्थ्य व्यवस्था में रिफॉर्मेशन की बेहद जरूरत है।

02. दयनीय सरकारी अस्पताल- कोरोना महामारी में इसी एकमात्र उम्मीद की किरण,सरकारी अस्पतालों, के प्रति शासन-प्रशासन की आजकल की नही बल्कि बरसो की उदासीनता और बदइंतजामी भी खुलकर सामने आई है। लेकिन अभी भी एक बड़ी आबादी इसके लिए इसके लिए डॉक्टर को ही जिम्मेदार मान रही है। जबकि नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के ताजपोशी में बनाया गया भ्रष्ट , चाटुकार और उदासीन सिस्टम ही सरकारी अस्पतालों के दयनीय हालात के लिए जिम्मेदार है।

03. Corona Sero-Prevalence Study - हमें सभी जगहों में SeroPrevalence study की डिमांड करनी चाहिए ।
कोई भी सरकार seroPrevalence Study नही कराना चाहती है क्योंकि इससे कम्युनिटी में कोरोना का असली आंकड़ा सामने आ जायेगा और उससे भी ज्यादा सरकार की नाकामी सामने आ जायेगी।

04. रूटीन टेस्ट में कोरोना जांच - वर्तमान दौर में कोरोना को रूटीन टेस्ट में शामिल किया जाना चाहिए और वो भी मुफ्त। जिससे किसी भी मरीज़/डॉक्टर को थोड़ी भी शंका होने पर वह जांच करा सके । अभी कोरोना के साथ-साथ उसके डर को भी मिटाने के बेहद जरूरत है। अतः कोरोना को रूटीन टेस्ट में शामिल किए जाने की जरूरत है । साथ ही असिम्प्टोमैटिक मरीज़ों की पहचान करने लिए भी यह काफी मददगार साबित हो सकता है।

05. Indian Medical Services - कोरोना की त्रासदी से स्पष्ट हो गया है कि ब्यूरोक्रेट्स रचित इस स्वास्थ्य व्यवस्था को डॉक्टर्स के मेडिकल ज्ञान और अनुभव के नींव पर रखे एक रिफॉर्मेशन की जरूरत है। एक मेडिकल कैडर की जरूरत है।

लेकिन चूंकि मेडिकल साइंस एक आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है, तो इसका सर्वोपरि भी एक मॉडर्न मेडिसिन का जानकार ही हो सकता है, भला अल्टरनेट मेडिसिन इसे कैसे समझ सकता है और संचालन तो बहुत दूर की बात है।और इस कैडर में अनुभवी डॉक्टरों को प्राथमिकता दिया जाना बेहद जरूरी है। नए कैडर में अनुभवी डॉक्टरों का होना जरूरी है।

                        डॉ इकबाल हुसैन





अन्य सम्बंधित खबरें