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कृषि सहयोग एवं किसान कल्‍याण विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए प्रमुख फसलों के उत्‍पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान जारी किए

कृषि, सहयोग एवं किसान कल्‍याण विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए प्रमुख फसलों के उत्‍पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान 16 मई, 2018 को जारी कर दिये। विभिन्‍न फसलों के उत्‍पादन का आकलन राज्‍यों से प्राप्‍त जानकारियों पर आधारित होता है और इसका सत्‍यापन अन्‍य स्रोतों से प्राप्‍त सूचनाओं से किया जाता है। वर्ष 2017-18 के लिए तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक विभिन्‍न फसलों के अनुमानित उत्‍पादन को 2003-04 के बाद के वर्षों के तुलनात्‍मक अनुमान के साथ संलग्‍न किया गया है।

 

तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2017-18 के दौरान प्रमुख फसलों के अनुमानित उत्‍पादन का उल्‍लेख नीचे किया गया है :

 

खाद्यान्‍न – 279.51 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

चावल – 111.52 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

गेहूं – 98.61 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

पोषक/मोटे अनाज – 44.87 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

मक्‍का– 26.88 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

दालें – 24.51 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

चना – 11.16 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

अरहर– 4.18 मिलियन टन

उड़द– 3.28 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

तिलहन – 30.64 मिलियन टन

सोयाबीन – 10.93 मिलियन टन

मूंगफली – 8.94 मिलियन टन  

रेपसीड एवं सरसों– 8.04 मिलियन टन

अरंडी – 1.49 मिलियन टन

कपास – 34.86 मिलियन गांठें (प्रत्‍येक 170 किलो)

गन्‍ना – 355.10 मिलियन टन

 

 

मानसून 2017 के दौरान लगभग सामान्‍य वर्षा होने और सरकार की विभिन्‍न नीतिगत पहलों के परिणामस्‍वरूप देश में चालू वर्ष के दौरान रिकॉर्ड खाद्यान्‍न उत्‍पादन हुआ है। वर्ष 2017-18 के लिए तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, देश में कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन 279.51 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2016-17 के दौरान हुए 275.11 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड खाद्यान्‍न उत्‍पादन से 4.40 मिलियन टन अधिक है। चालू वर्ष में यह अनुमानित उत्‍पादन पिछले पांच वर्षों (2012-13 से लेकर 2016-17 तक) के दौरान हुए औसत खाद्यान्‍न उत्‍पादन से भी 19.33 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान कुल चावल उत्‍पादन रिकॉर्ड 111.52 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। इस दौरान चावल उत्‍पादन वर्ष 2016-17 में हुए 109.70 मिलियन टन के उत्‍पादन से 1.82 मिलियन टन अधिक है। वर्ष 2017-18 के दौरान चावल उत्‍पादन पिछले पांच वर्षों में हुए 106.29 मिलियन टन के औसत उत्‍पादन से भी 5.22 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान कुल गेहूं उत्‍पादन रिकॉर्ड 98.61 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। इस दौरान गेहूं उत्‍पादन वर्ष 2016-17 में हुए 98.51 मिलियन टन के उत्‍पादन से 0.10 मिलियन टन अधिक है। वर्ष 2017-18 के दौरान गेहूं उत्‍पादन पिछले पांच वर्षों के औसत उत्‍पादन से भी 5.28 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान पोषक/मोटे अनाजों का उत्‍पादन रिकॉर्ड 44.87 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले पांच वर्षों के औसत उत्‍पादन से 3.17 मिलियन टन अधिक है। यही नहीं, वर्ष 2017-18 के दौरान उत्‍पादन वर्ष 2016-17 में हुए 43.77 मिलियन टन के उत्‍पादन से 1.10 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान कुल दाल उत्‍पादन रिकॉर्ड 24.51 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष में हुए 23.13 मिलियन टन के उत्‍पादन से 1.37 मिलियन टन अधिक है। पिछले पांच वर्षों के औसत उत्‍पादन की तुलना में भी वर्ष 2017-18 के दौरान अनुमानित कुल उत्‍पादन 5.66 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान कुल तिलहन उत्‍पादन 30.64 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2016-17 में हुए 31.28 मिलियन टन के उत्‍पादन की तुलना में 0.64 मिलियन टन कम है। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में हुए औसत तिलहन उत्‍पादन की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान अनुमानित तिलहन उत्‍पादन 1.09 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2016-17 की तुलना में उत्‍पादन में 49.03 मिलियन टन की उल्‍लेखनीय वृद्धि होने के परिणामस्‍वरूप वर्ष 2017-18 के दौरान कुल गन्‍ना उत्‍पादन 355.10 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले पांच वर्षों के दौरान हुए औसत गन्‍ना उत्‍पादन की तुलना में भी वर्ष 2017-18 के दौरान अनुमानित गन्‍ना उत्‍पादन 13.06 मिलियन टन अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान कपास उत्‍पादन 34.86 मिलियन गांठें (प्रत्‍येक 170 किलो) होने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के दौरान हुए 32.58 मिलियन गांठों के उत्‍पादन की तुलना में 2.28 मिलियन गांठें अधिक है। इतना ही नहीं, पिछले पांच वर्षों के दौरान हुए 33.50 मिलियन गांठों के औसत उत्‍पादन की तुलना में भी वर्ष 2017-18 के दौरान अनुमानित कपास उत्‍पादन 1.36 मिलियन गांठें अधिक है।

 

वर्ष 2017-18 के दौरान जूट एवं मेस्ता का उत्‍पादन 10.62 मिलियन गांठें (प्रत्‍येक 180 किलो) होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2016-17 के दौरान हुए उत्‍पादन की तुलना में कम है।





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