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6% प्रतिशत ब्याज के दर से मृतक की पत्नी को सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान करे विभाग- हाईकोर्ट

बिलासपुर। वार्ड नं.7, लोरमी, जिला- मुंगेली निवासी सनत तिवारी, जिला- मुंगेली में स्वास्थ्य विभाग में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरुष) के पद पर पदस्थ थे। सेवाकाल के दौरान जुलाई - 2018 में उनकी मृत्यु हो जाने पर पत्नी मंदाकिनी तिवारी ने सीएमएचओ, मुंगेली और बीएमओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लोरमी, जिला- मुंगेली के सामने आवेदन प्रस्तुत कर सम्पूर्ण सेवानिवृत्ति देयक देने की मांग की। लेकिन उनके पति सनत तिवारी के सेवाकाल के दौरान जीपीएफ राशि में निगेटिव बैलेंस बताते हुए संपूर्ण सेवानिवृत्ति देयक रोक दिया गया और 5 वर्ष बाद उसका भुगतान किया गया।

 


भुगतान में इस देरी मामले में विभाग के खिलाफ मंदाकिनी तिवारी ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर रिट याचिका दायर कर दी। याचिका में उन्होंने सेवानिवृत्ति देयक पर ब्याज की मांग की। केस की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर ने हाईकोर्ट के सामने माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉ. ए. सेल्वाराज विरूद्ध सीबीएमएन कॉलेज एवं अन्य में वर्ष 2022 में पारित न्याय दृष्टांत का हवाला दिया गया जिसके अनुसार सेवानिवृत्ति देयक में विलंब से भुगतान की स्थिति में शासकीय कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य ब्याज के हकदार हैं।

मामले में सुनवाई पूरी होने और विभाव समेत याचिकाकर्ता का तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने सीएमएचओ मुंगेली एवं बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लोरमी को यह निर्देशित किया कि वे दिवंगत शासकीय कर्मचारी की विधवा को तत्काल सेवानिवृत्ति देयक पर 6%प्रतिशत ब्याज की राशि का तत्काल भुगतान करें।






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