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सोने ने लगाया ब्रेक! 30% उछाल के बाद अब गिरावट – निवेशकों के लिए खतरे की घंटी?

सोने की कीमतों में जो हलचल 23 जून को दिखी, उसने अनुभवी इनवेस्टर्स को भी चौंका दिया। आमतौर पर जब दुनिया में जियोपॉलिटिकल तनाव बढ़ता है—जैसे इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती तनातनी और अब अमेरिका की एंट्री—तो गोल्ड सुरक्षित निवेश विकल्प बनता है और इसकी कीमतें बढ़ती हैं। लेकिन इस बार उल्टा हुआ।

देश और विदेश में दोनों जगह सोना फिसला

23 जून को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.2% गिरकर $3,362.29/oz पर आ गया, वहीं US गोल्ड फ्यूचर्स भी इसी दर से गिरकर $3,378 पर पहुंच गया। भारत में MCX पर भी दबाव बना रहा, जहां सोना ₹79 की गिरावट के साथ ₹99,030/10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा।

डॉलर की धमक से सोने की चमक फीकी

विशेषज्ञ टिम वाटरर के अनुसार, अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों के बाद निवेशकों का रुख डॉलर की ओर मुड़ गया। डॉलर मजबूत हुआ और उसका सीधा असर गोल्ड पर पड़ा। जब डॉलर मजबूत होता है, तो दूसरी करेंसी के लिए सोना महंगा हो जाता है – और डिमांड घटती है।

भारत में हालांकि 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,00,690/10 ग्राम पर स्थिर रही, जबकि 22 कैरेट सोना ₹92,300/10 ग्राम पर बना रहा।

2025 में अब तक 30% तक उछला है गोल्ड

हालांकि अभी थोड़ी गिरावट है, लेकिन 2025 की शुरुआत से अब तक सोना करीब 30% की तेजी दिखा चुका है। अप्रैल में तो इसका भाव $3,500/oz तक पहुंच गया था – जो अब तक का ऑल-टाइम हाई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तेजी के बाद अब गोल्ड "कंसॉलिडेशन" फेज में है, यानी कुछ समय तक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

अगर आपने ऊंचे रेट पर गोल्ड खरीदा है तो घबराने की जरूरत नहीं।
लॉन्ग टर्म में सोने की चमक बरकरार रहेगी, इसलिए धैर्य रखें।
नई खरीदारी के लिए हर गिरावट एक अवसर हो सकती है – थोड़ा-थोड़ा खरीदें।
गोल्ड ETF या गोल्ड म्यूचुअल फंड में SIP करने वालों को निवेश जारी रखना चाहिए।


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