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बसना के 9 गढ़ फुलझर के 6 सहकारी समितियों के लिए 890, टन डीएपी खाद की आवश्यकता

बसना क्षेत्र के विभिन्न गांव के किसानों के लिए बोवाई के शुरुआत हेतु 100 टन डीएपी खाद की मांग की गई थी । लेकिन 100 टन की मांग के विरुद्ध केवल 15 टन डीएपी खाद ही उपलब्ध कराया गया । जिससे किसानों में मारामारी की स्थिति निर्मित हो गई थी। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर 15 टन खाद को 9 सहकारी समिति के माध्यम से वितरित किया गया ।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बसना के अंतर्गत आने वाले 9 सहकारी समितियों के लिए अब 710 टन डीएपी खाद की मांग की गई है । वहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा गढ़फुलझर के शाखा प्रबंधक चौरसिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़फूलझर क्षेत्र के 6 सहकारी समितियों के लिए कुल 180 टन डीएपी खाद के लिए चेक से आरओ जारी कर मार्क फेड को प्रेषित किया गया है। लेकिन शासन के द्वारा मार्कफेड के माध्यम से उपलब्ध कराई जाने वाली डीएपी खाद अभी तक उपलब्ध नहीं करा पाई है । डबल लॉक (मार्क फेड) बसना में यूरिया 101टन सु फ़ा 242 टन उपलब्ध है। बाकी कोई खाद नहीं है।अधिकारियों का कहना है कि डीएपी खाद की उपलब्धता दूर दूर तक कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।

बसना मार्क फेड डबल लाक में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है । जिसके कारण जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बसना के अंतर्गत आने वाले 9 सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है डीपी खाद के अनुपलब्धता के कारण किसानों में शासन के रवैये से आक्रोश व्याप्त है। यदि समय रहते डीएपी खाद बोवाई के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो बोवाई के समय पर विपरीत असर पड़ेगा। खेती दिनों दिन लंबा होते जा रहा है । जिससे किसान चिंतित हैं । एक और जहां सहकारी समितियों के उसके गोदाम में डीएपी खाद बिल्कुल नहीं है ।

वहीं बाजार में डीएपी खाद की भरपूर स्टॉक है । दुकानदार सहकारी समितियों में डीएपी खाद की होने वाले कमी को प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से अच्छी तरह जानते थे। इस लिए सहकारी समितियां में डीएपी खाद 1350 रुपया में उपलब्ध होती है लेकिन बाजार में 1680 से ₹1700 तक बेच कर व्यापारी मुनाफा कमा रहे हैं और शासन प्रशासन मुक दर्शक बनी हुई है । इस संबंध में किसानों का कहना है कि सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को ऋण के तहत खाद उपलब्ध कराई जाती है जिसके कारण नगद राशि के अभाव में किसान बाजार से डीएपी खाद खरीद नहीं पा रहे हैं । वहीं शासन के द्वारा डीएपी खाद के बजाय विकल्प के रूप में एनपीके खाद को छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है। किसानों का कहना है कि एक और जहां डीएपी खाद 1350 रुपए में उपलब्ध होता है । वहीं एनपीके का खाद समिति में 1750 एवं बाजार में 1800 से 1900 रुपए में उपलब्ध है। पर बोरी किसानों को 400 रुपया की अतिरिक्त राशि का भार पड़ेगा साथ ही डीएपी खाद की अपेक्षा एनपीके खाद में 26 प्रतिशत फास्फोरस कम रहता है।

इसलिए किसान डीएपी खाद खरीद कर ही खेतों में छिड़काव करना पसंद करते हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बसना के शाखा प्रबंधक पी आर डडसेना से प्राप्त जानकारी के अनुसार बसना शाखा अंतर्गत आने वाले 9 सहकारी समितियों खरोरा में 70 टन, गौरटेक में 85, धुमाभांठा में 65 टन, पौसरा में 130 टन, बड़े टेमरी में 10 , बसना में 80 टन, भूकेल में 110 टन, रसोड़ा में 70 टन, सिंघनपुर में 90 टन सहित कुल 710 टन की आवश्यकता है। इसके अलावा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा गढ़फुलझर के शाखा प्रबंधक चौरसिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़फूलझर क्षेत्र के 6 सहकारी समितियों के लिए कुल 180 टन डीएपी खाद के लिए चेक से आरओ जारी कर मार्क फेड को प्रेषित किया गया है। अंकोरी 30 टन , करचुंडी 30 टन, गढ़फुलझर 30 टन, चिमरकेल 30 टन , बड़ेडाभा 30 टन, बिछिया पो के लिए 30 टन डीएपी खाद की मांग की गई है। लेकिन अभी तक डीएपी खाद नहीं मिल पाया है।


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