
बागबाहरा : 1.70 लाख का ऋण लेकर खरीदी ई-रिक्शा, शुरू किया बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का कार्य, पढ़े मिनेश्वरी साहू के सफलता की कहानी
"अगर हौसले बुलंद हों, तो साधन खुद-ब-खुद रास्ता बन जाते हैं।"
इस कहावत को सच कर दिखाया है ग्राम धरमपुर की मिनेश्वरी साहू ने, जो बागबाहरा विकासखंड के वनांचल क्षेत्र से आने वाली जय कर्मा माता महिला स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं। पढ़ी-लिखी और जागरूक मिनेश्वरी शादी के तुरंत बाद बिहान योजना से जुड़ीं और अपनी लगन और कार्यशैली से न सिर्फ अपने समूह में बल्कि क्लस्टर स्तर पर भी विशिष्ट पहचान बनाई।
समूह की लेखापाल के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने न केवल खुद को सशक्त किया, बल्कि अपने पति को भी बिहान योजना से जोड़कर आरबीके पद पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। दोनों 2018 से बिहान से जुड़े हैं और जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर बैंक और बिहान से लोन लेते रहे।
सपनों को रफ्तार दी ई-रिक्शा ने
आजीविका को नई दिशा देने के लिए मिनेश्वरी ने वन देवी महिला क्लस्टर, खम्हरिया से ₹1.70 लाख का ऋण लेकर एक ई-रिक्शा खरीदी। क्षेत्र की जरूरतों को पहचानते हुए उन्होंने बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का कार्य शुरू किया। धीरे-धीरे उन्हें समूह की दीदियों को ब्लॉक, क्लस्टर और जिला मुख्यालय पहुंचाने के ऑर्डर भी मिलने लगे। इससे न केवल उनकी आमदनी में इजाफा हुआ, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान भी मिला।
सम्मान और उद्घाटन
इस प्रेरणादायक कार्य की सराहना करते हुए बागबाहरा जनपद अध्यक्ष श्री केशव नायक राम चंद्राकर और जनपद सीईओ श्री मनहरण लाल मंडावी ने फीता काटकर ई-रिक्शा का उद्घाटन किया और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि –
"मिनेश्वरी जैसी दीदी आत्मनिर्भर भारत की नींव हैं। ऐसे और उदाहरण समाज को प्रोत्साहित करते हैं।"
उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण
इस अवसर पर क्लस्टर पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एडिशन ठाकुर (सरपंच बाघामुड़ा), रिंकू चंद्राकर (पूर्व सरपंच, म. क. बाहरा), सचिव बालेश्वर चंद्राकर, विधायक प्रतिनिधि, डीईओ जी.आर. बरिहा, एडीईओ एकलदेव निषाद, पीआरपी यशवंत ध्रुव सहित अनेक ग्रामीण व अधिकारी उपस्थित रहे।
नारी सशक्तिकरण की मिसाल
मिनेश्वरी साहू की कहानी यह दर्शाती है कि जब सरकारी योजनाएं, स्वयं सहायता समूह और आत्मबल एक साथ आते हैं, तो किसी भी महिला के लिए आत्मनिर्भरता और सफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।