
CG : नाले में बही कार, घंटो बाद मिली 3 साल के बच्चे की लाश
बिलासपुर। सीपत थाना क्षेत्र के तुंगन नाला में बहे 3 साल के तेजस की बॉडी शनिवार की दोपहर बरामद कर ली गई। एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ग्रामीणों के मदद लेकर घटना के तत्काल बाद से गाड़ी और बच्चे की तलाश कर रहे थे। शुक्रवार की दोपहर कार मिल गई जबकि बच्चा शनिवार की दोपहर बबूल की झाड़ी में फंसा हुआ मिला। बच्चे का शव पानी में सड़कर फूल चुका था जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
हरेली के दिन तुंगन नाला के पुल पर बह रहे तेज पानी में बही कार में कुल 9 लोग सवार थे, जिसमें 8 लोगों को तत्काल बचा लिया गया मगर खम्हारिया निवासी मोहनलाल साहू का एक तीन साल का बच्चा तेजस और वेगनआर कार लापता हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही सीपत टीआई गोपाल सतपथी पुलिस टीम के साथ रात में मौके पर पहुंचे, लेकिन अंधेरा और तेज बहाव रेस्क्यू में बड़ी बाधा बने। शुक्रवार सुबह SDRF की टीम ग्रामीणों के साथ फिर से खोजबीन में जुटी। कड़ी मशक्कत के बाद घटनास्थल से करीब 300 मीटर दूर, 15 फीट गहराई में कार तो मिल गई, लेकिन बच्चा कार में नहीं था। शनिवार को फिर शुरू हुए सर्च ऑपरेशन में, दोपहर करीब तीन घंटे की कोशिश के बाद घटनास्थल से लगभग 500 मीटर दूर एक बबूल के पेड़ के नीचे झाड़ में फंसा बच्चे का हाथ ग्रामीणों को दिखा। एसडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से बच्चे के शव को बाहर निकाला। लगभग 43 घंटे पानी में डूबे रहने से तेजस का शव पूरी तरह सड़ चुका था। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
शव मिलने के बाद गांव में मातम का माहौल है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 1994-95 में बने तुंगन पुल की हालत आज भी जर्जर है – न रेलिंग है, न चेतावनी बोर्ड, न ऊंचाई बढ़ाई गई। बारिश के दिनों में पुल पर पानी का बहाव करीब 10 फीट तक पहुंच जाता है, जिससे हर साल हादसे होते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि पुल को जल्द से जल्द व्यवस्थित कर सुरक्षा इंतजाम किए जाएं, ताकि दोबारा ऐसी दुखद घटना न हो। हादसे ने प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन कब जागता है और इस जानलेवा पुल की कब सुध लेता है।