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पहली बार लेप्रोस्कोपिक पद्धति से सफल किडनी ऑपरेशन कोण्डागांव जिला अस्पताल ने रचा इतिहास

कोंडागांव जिला लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, 4 सितंबर 2025 का दिन भी जिले के लिए एतिहासिक दिन रहा। कोण्डागांव जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने पहली बार लेप्रोस्कोपिक पद्धति से किडनी का सफल ऑपरेशन किया। यह उपलब्धि न केवल चिकित्सा जगत के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि गरीबी और बीमारी से जूझ रही एक महिला के जीवन के लिए भी वरदान साबित हुई।

कोण्डागांव के बाजारपारा की 35 वर्षीय सावित्री कोर्राम का जीवन निरंतर संघर्ष से भरा रहा है। सावित्री के पति का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया है जिससे परिवार की जिम्मेदारी अचानक उनके कंधों पर आ गई। सावित्री घर चलने के लिए दूसरों के घरों में झाड़ू–पोछा और बर्तन धोने का काम शुरू की ताकि अपने दो बेटे और दो बेटियों का पालन–पोषण कर सके। लेकिन तकदीर ने फिर करवट बदली। 

दो वर्ष पहले उन्हें लगातार लघुशंका की समस्या हुई। मेहनत से जोड़ी गई थोड़ी-सी रकम लेकर वह विशाखापत्तनम गईं, जहां जांच में गंभीर किडनी रोग की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन खर्च सुनते ही सावित्री की दुनिया जैसे थम गई।

 आर्थिक स्थिति ने उन्हें मजबूर किया कि वह अधूरे इलाज के साथ घर लौट आएँ। चार बच्चों की परवरिश और घर की जिम्मेदारियों के बीच सावित्री को लगा कि उनकी जिंदगी धीरे-धीरे खत्म हो रही है।

कोण्डागांव जिला अस्पताल बना सहारा
हताशा और निराशा के बीच उन्होंने जिला अस्पताल कोण्डागांव का दरवाज़ा खटखटाया। अस्पताल के सर्जन डॉ. एस. नगुलन व उनकी टीम ने जांच की और स्पष्ट किया कि उनकी एक किडनी पूरी तरह खराब हो चुकी है, जिसे निकालना ही एकमात्र विकल्प है।

सामान्य ऑपरेशन में बड़े चीरे और संक्रमण का खतरा अधिक था। यह जोखिम उठाना सावित्री के लिए कठिन था। तब डॉक्टर नगुलन ने साहसिक निर्णय लिया ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक तकनीक से किया जाएगा।



जिला अस्पताल से प्राप्त जानकारी अनुसार 4 सितंबर को जिला अस्पताल कोण्डागांव में सावित्री का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन थिएटर में डॉ. एस. नगुलन के साथ डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. अनिल देवांगन, डॉ. कृष्णा मरकाम मौजूद थे। ओटी हेड नर्स स्वप्नप्रिया, स्टाफ नर्स पुष्पलता कुंवर, हेमंत मंडावी, संजना जैन, रामेश्वरी, अर्चना, साधना और रीना ने भी अहम भूमिका निभाई।

करीब तीन घंटे चले इस ऑपरेशन में सावित्री की खराब किडनी को सफलतापूर्वक निकाला गया। यह ऑपरेशन पूर्णत: सफल रहा और अब सावित्री तेजी से स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। 

किडनी के सफलतापूर्वक इलाज के बाद सावित्री ने कहा "पहले लगा कि गरीबी और बीमारी ने मेरी जिंदगी खत्म कर दी है। लेकिन जिला अस्पताल और आयुष्मान कार्ड ने मुझे नया जीवन दिया है।"

प्रशासन की दूरदर्शिता और टीमवर्क
इस सफलता के पीछे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की योजनाबद्ध मेहनत भी है। कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. चतुर्वेदी और सिविल सर्जन डॉ. प्रेम मंडावी के मार्गदर्शन में यह ऐतिहासिक ऑपरेशन संभव हुआ।

यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएँ निरंतर सुदृढ़ हो रही हैं। राज्य सरकार का विजन है कि अब इलाज के लिए मरीजों को बड़े शहरों पर निर्भर न रहना पड़े। 

पहले बस्तर अंचल के लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए विशाखापत्तनम, रायपुर या अन्य बड़े शहरों का रुख करते थे, लेकिन अब जिला स्तर पर ही आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोण्डागांव जिला अस्पताल में हुआ यह लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन इसी दिशा में मील का पत्थर है।



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