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SEBI ने म्यूचुअल फंड अकाउंट खोलने के नियम बदले

बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। अब कोई भी नया म्यूचुअल फंड खाता तभी खुलेगा जब निवेशक की KYC प्रक्रिया पूरी तरह से सत्यापित हो जाएगी।

पहले कई बार अधूरे KYC दस्तावेजों के साथ भी खाता खुल जाता था, जिससे निवेशकों को आगे चलकर लेनदेन और निकासी में परेशानी होती थी।

 नया नियम क्या कहता है?

SEBI के नए प्रस्ताव के अनुसार –

खाता तभी सक्रिय माना जाएगा, जब KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) से फाइनल वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा।

पहला निवेश करने की अनुमति भी तभी मिलेगी जब KYC पूरी तरह से सत्यापित हो जाएगी।

निवेशकों को हर चरण की जानकारी SMS या ईमेल के जरिए दी जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या देरी से बचा जा सके।

 SEBI ने इस प्रस्ताव पर 14 नवंबर 2025 तक जनता से सुझाव और टिप्पणियां मांगी हैं।

फिलहाल क्या स्थिति है?

अभी के नियमों में KYC जरूरी तो है, लेकिन कई बार कंपनियां अधूरे दस्तावेजों के साथ खाता खोल देती हैं।
इससे निवेशकों को ट्रांजैक्शन करने, डिविडेंड पाने या खाता बंद करने में मुश्किलें आती हैं।
AMC (Asset Management Companies) को भी ऐसी स्थितियों में निवेश जानकारी साझा करने और फंड ट्रांसफर करने में दिक्कत होती है।

नई प्रक्रिया कैसे चलेगी?

चरण प्रक्रिया विवरण

 निवेशक अपने डॉक्यूमेंट्स म्यूचुअल फंड कंपनी को देगा।
 कंपनी ये डॉक्यूमेंट्स KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) को भेजेगी।
 एजेंसी दस्तावेजों की जांच कर अंतिम सत्यापन करेगी।
 KYC वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही खाता सक्रिय होगा।
 निवेशक को हर स्टेप की जानकारी SMS या ईमेल से दी जाएगी।

निवेशकों के लिए 3 अहम बदलाव

 निवेशकों को पूरी जानकारी देना अनिवार्य

अब म्यूचुअल फंड कंपनियों को निवेशकों को जोखिम, फीस, परफॉर्मेंस और निवेश रणनीति की पूरी और पारदर्शी जानकारी देनी होगी।

 NFO की रकम 30 दिनों में लगानी होगी

अब फंड हाउस को नए फंड ऑफर (NFO) से जुटाए गए पैसे को 30 दिनों के भीतर निवेश करना अनिवार्य होगा।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो निवेशक बिना किसी एग्जिट लोड (निकासी शुल्क) के पैसा निकाल सकेंगे।

 जोखिम रिपोर्ट पहले मिलेगी

पहले जोखिम स्तर की जानकारी महीने के अंत में दी जाती थी,
अब हर महीने की 15 तारीख तक निवेशक को जोखिम रिपोर्ट मिल जाएगी।

SEBI का उद्देश्य क्या है?

इस पूरे बदलाव का मकसद है –

निवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना,

निवेशकों को समय पर पूरी जानकारी देना,

और धोखाधड़ी या दस्तावेज़ी त्रुटियों से बचाव करना।

SEBI का यह प्रस्ताव म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ा कदम है। अब KYC वेरिफिकेशन पूरी तरह होने से पहले कोई खाता नहीं खुलेगा, जिससे निवेशकों की सुरक्षा और भरोसा दोनों बढ़ेंगे।


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