चेक बाउंस और मिस्ड EMI से बिगड़ सकता है आपका CIBIL स्कोर, जानें
अगर आपके किसी चेक का भुगतान बाउंस हो गया है या आपने EMI चूक दी है, तो सावधान हो जाइए — यह आपकी क्रेडिट हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। चेक बाउंस होने का असर सीधे CIBIL स्कोर पर नहीं पड़ता, लेकिन अगर उसी के चलते आपकी EMI या क्रेडिट कार्ड पेमेंट मिस हो जाए, तो आपका स्कोर 20 से 50 अंकों तक गिर सकता है। इसका असर भविष्य में आपके लोन अप्रूवल पर पड़ता है।
चेक बाउंस का असर CIBIL स्कोर पर कैसे पड़ता है?
बैंक आमतौर पर चेक बाउंस की जानकारी सीधे CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो को नहीं भेजते। लेकिन जब बाउंस की वजह से आपकी EMI या क्रेडिट कार्ड की किस्त समय पर नहीं चुकाई जाती, तो बैंक इसे “डिफॉल्ट” के रूप में रिपोर्ट करता है। नतीजा – आपका क्रेडिट स्कोर नीचे चला जाता है।
लगातार भुगतान में देरी करने पर स्कोर तेजी से गिरता है और भविष्य में पर्सनल, होम या ऑटो लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
चेक बाउंस के आम कारण
चेक बाउंस कई कारणों से हो सकता है, जैसे –
बैंक खाते में पर्याप्त राशि न होना
गलत तारीख या पोस्ट-डेटेड चेक का जल्दी जमा होना
सिग्नेचर मेल न खाना
चेक पर ओवरराइटिंग या खराब लिखावट
बंद खाते से चेक जारी करना
इनमें से किसी भी गलती पर बैंक आपका चेक रिजेक्ट कर सकता है।
 EMI मिस होने के नुकसान
अगर चेक बाउंस की वजह से आपकी EMI या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर नहीं हो पाया, तो बैंक इसे नॉन-पेमेंट मानता है।
एक या दो मिस्ड पेमेंट से स्कोर 20-50 पॉइंट तक गिर सकता है।
लगातार डिफॉल्ट से स्कोर और नीचे जा सकता है।
भविष्य में बैंक आपको नई क्रेडिट सुविधा देने से मना कर सकते हैं।
चेक बाउंस और CIBIL स्कोर खराब होने से कैसे बचें?
अपनी क्रेडिट हेल्थ को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम अपनाएं –
1. बैंक खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें।
2. चेक भरते समय तारीख, राशि और सिग्नेचर ध्यान से जांचें।
3. एक्सपायर्ड या फटे चेक का इस्तेमाल न करें।
4. अगर चेक बाउंस हो जाए, तो तुरंत बैंक या रिसीवर से बात करके भुगतान करें।
5. EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं।
 सिबिल स्कोर सुधारने के असरदार तरीके
अगर आपका स्कोर गिर गया है, तो चिंता न करें — सुधार संभव है।
बकाया भुगतान जल्द से जल्द करें।
अगर आप किसी के गारंटर बने हैं और वह भुगतान नहीं कर पा रहे, तो बैंक से बात करके अपना नाम गारंटी से हटवाएं।
अपने सभी लोन और कार्ड पेमेंट्स को समय पर रखें ताकि धीरे-धीरे स्कोर बढ़े।
पोस्ट-डेटेड चेक क्या होता है?
पोस्ट-डेटेड चेक वह होता है जिसपर भविष्य की तारीख लिखी होती है।
इसे उसी तारीख या उसके बाद ही बैंक में जमा कराया जा सकता है। अगर इसे पहले जमा किया जाए, तो बैंक चेक को अस्वीकार कर सकता है — यानी चेक बाउंस हो जाएगा।
कानूनी पहलू और सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, अगर कोई चेक भुगतान के लिए दिया गया है और वह बाउंस हो जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, चाहे वह सुरक्षा के लिए दिया गया हो या वास्तविक भुगतान के लिए।
 निष्कर्ष
चेक बाउंस अपने आप में क्रेडिट स्कोर नहीं गिराता, लेकिन इसके नतीजे जरूर पड़ते हैं। एक छोटा-सा भुगतान मिस आपकी आर्थिक विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है। इसलिए हमेशा बैलेंस मेंटेन रखें, समय पर EMI भरें और सावधानी से वित्तीय लेनदेन करें।
इस तरह आप अपने CIBIL स्कोर और क्रेडिट हेल्थ को लंबे समय तक मजबूत बनाए रख सकते हैं।