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सांसद का प्राचीन कबीर कुटी तेरेकेला में दर्शन पूजन

सांसद चुन्नीलाल साहू गांधी पदयात्रा के दौरान तरेकेला गांव से समापन के बाद प्राचीन कबीर कुटी तरेकेला में आए और आश्रम के बारे में जानकारी प्राप्त की. आश्रम इतना पुराना है जान कर उनको बड़ा हर्ष हुआ और उन्होंने इसके विकास के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया.

आश्रम के व्यवस्थापक संत लखन मुनि जी ने उनको माला पहनाकर स्वागत किया और चंदन टीका लगाया. जहाँ कबीरचौरा बनारस से पधारे श्री महंत गोपाल साहेब जी ने कबीर और गांधी की विचारधारा को बताया और कहा कि चरखा और करघा एक है, दोनों ने कपड़े बुनने और अपने कर्म को पवित्रता के साथ करने के लिए प्रेरित किया.

प्राणियों पर दया की भावना का पाठ पढ़ाया

गांधी जी कहते है - "वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीड पराई जाने रे "और कबीर साहब कहते हैं - " नहाए धोए क्या भया, जो मन मैल न जाय. मीन सदा जल में रहे, पर धोये बांस ना जाए. "

उन्होंने कहा कि  गांधीजी, कबीर साहब के जीवन से प्रभावित थे. चरखा और करघा की बात करते थे,  आजादी की बात करते थे. उसके बाद सासंद महोदय ने आश्रम में भोजन प्रसाद ग्रहण किया और गांव समाज के लोगों के साथ बैठकर गांव की खुशहाली पर चर्चा हुई.

जहाँ भाजपा के पिरदा मंडल अध्यक्ष हरप्रसाद जी, पूर्व मंडल अध्यक्ष जगदीश प्रधान जी, श्री राजेश्वर जी , श्री हरिशंकर बाबा, वरिष्ठ कार्यकर्ता जयंती अग्रवाल जी, श्री चुन्नुलाल पटेल,  इमामुद्दीन सेठ जी ,सरपंच मुरारी पटेल जी, श्री ह्रदयलाल पटेल जी, ओमप्रकाश पारेश्वर जी, नेपाल सिंह पटेल , खीरसागर पटेल , मनमोहन पटेल ,मातृशक्ति एवं समस्त ग्रामवासी सभी उपस्थित रहे.




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