news-details

मरे हुए गवाह को कैसे बुलाने जाऊ पूछने गया था भटकता हुआ किसान, तो भड़क उठे तहसीलदार.

मामला बसना तहसील अंतर्गत नवागांव का है, जहां पिछले कई सालों से जमीन ख़रीदने के बाद धर्मानंद नामांतरण के लिए भटक रहा है. आवेदक धर्मानंद और उसके चाचा और पिता ने सामूहिक रूप से जमीन ख़रीदी और जमीन के नामांतरण और पट्टा के लिए तहसील कार्यलय बसना में आवेदन लगाये.

लेकिन तत्कालीन तहसीलदार के द्वारा नामांतरण के लिए पैसों की मांग किए जाने के कारण पीड़ित द्वारा शिकायत कर दी गई और तत्कालीन तहसीलदार द्वारा भूमि के नामांतरण को गुमराह कर रोक दिया गया.

गौरतलब है कि मामले को कलेक्टर के जनदर्शन में भी आवेदन दिया गया था, जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने जल्द से जल्द भूमि के नामन्तरण के लिए आदेश दिया था जिसके बाद भी बसना 2014-15 के तहसीलदार द्वारा नामन्तरण का कार्य पूरा नही किया गया.

उसके बाद से पीड़ित किसान धर्मानंद के 7 सालो से नामांतरण के लिए बसना तहसील के चक्कर काट रहा है.

इस मामले में इसके पहले समाचार प्रकाशंन के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली द्वारा संज्ञान में लेते हुए तहसीलदार को विधि अनुसार नामांतरण के लिए आदेश पारित किया था.

जिसके बाद आदेश पारित होने पर पीड़ित किसान बसना तहसील पहुँचा, जहाँ तहसीलदार से मिलने पर दोबारा आवेदन देने के लिए कहा गया.

वही जब दूसरे दिन परेशान किसान ये पूछने गया कि मरे हुए गवाह को कैसे ले के आएंगे ? क्या उपाय है ? तो बजाय पीड़ित किसान को समस्या का समाधान बताने की जगह तहसीलदार बसना द्वारा पीड़ित किसान के उपर भड़क गए और कहने लगे मीडिया में छपवाते हो, और बदनाम करते हो.

वही इस संबंध में SDM सरायपाली से बात करने पर कहा की जब पीड़ित किसान तहसील आफिस में गया था तो उसका समस्या का समाधान तहसीलदार को करना चाहिए था. इस मामले में मेरे द्वारा द्वारा विधि अनुसार नामन्तरण के किए आदेश पारित किया गया है, इसके बावजूद भी अगर तहसीलदार किसान का नही सुनता है तो किसान को राजस्व सरायपाली SDM के समक्ष अपील करने को कहा गया है.




अन्य सम्बंधित खबरें