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जिला अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील, होगा कोरोना मरीजों का इलाज

कलेक्टर-एसपी ने लिया तैयारियों का जायजा

क्वारेंटाईन के लिए होगा छात्रावासों इस्तेमाल

बलौदाबाजार, 1 अप्रैल 2020/कोरोना संकट से निपटने के लिए स्थानीय जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है। अस्पताल में कोरोना वायरस से संबंधित इलाज के लिए तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल एवं एसपी श्री प्रशांत ठाकुर ने अस्पताल में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। वायरस संक्रमित व्यक्ति के भर्ती, इलाज और इसके बाद की संपूर्ण प्रक्रिया के संबंध में डाॅक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। 

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में कोरोना से संक्रमित 100 मरीजों के इलाज लायक तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि जिले में फिलहाल कोरोना संबंधी एक भी पाॅजीटिव्ह रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है, फिर भी प्रशासन ने भविष्य की संभावनाओं को देखते हुये तैयारियों में जुटी हुई है। कलेक्टर ने सभी कोरोना वार्डो और वहां दी जा रही सुविधाओं का मुआयना किया। उन्होंने इलाज के लिए प्रशिक्षित डाॅक्टरों और नर्सों से भी चर्चा की। कोरोना मरीज का इलाज कैसे किया जायेगा, इसकी जानकारी ली। विभिन्न वार्डों और कमरों के बीच बैरिकेडिंग के निर्देश दिये। कोरोना मरीज के इलाज संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं अवलोकन के लिए 7 डाॅक्टरों की टीम एम्स रायपुर भेजे जाने की अनुमति दी। यदि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की संख्या ज्यादा हो गई तो उन्हें जिला अस्पताल में स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल में क्वारेंटाईन में रखा जायेगा। इसके बाद लगभग 3 सौ लोगों के क्वारेन्टीन के लिए जिला मुख्यालय के 4 आश्रम छात्रावासों में रखा जायेगा। कलेक्टर-एसपी ने इन छात्रावासों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र नायक, जिला पंचायत के सीईओ श्री आशुतोष पाण्डेय, सीएमएचओ डाॅ. खेमराज सोनवानी, सिविल सर्जन डाॅ परिहार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जारी रहेगी ओपीडी सुविधा: डाॅ. सोनवानी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि कोविड अस्पताल घोषित होने के बाद भी जिला अस्पताल में ओपीडी सुविधा जारी रहेगी। यह सुविधा तब तक जारी रहेगी जब तक कोरोना का पहला मरीज भर्ती नहीं हो जाये। कोरोना मरीज की भर्ती होने के बाद संक्रमण की संभावना को देखते हुए ओपीडी सुविधा जिला अस्पताल से पुराने अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जायेगा। भर्ती योग्य गंभीर मरीजों का इलाज लवन एवं पलारी के सामुदायिक अस्पतालों में किया जायेगा। इसके अलावा गंभीर मरीजों का इलाज डाॅ. खूबचंद बघेल एवं आयुष्मान योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों मंे किया जायेगा किया जायेगा। यदि कोई निजी अस्पताल सरकार की इन दोनों योजनाओं के तहत इलाज के लिए इंकार करेगा तो संक्रामक रोग अधिनियम 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दण्ड का भागीदार बनेगा। सीएमएचओ ने सभी निजी पंजीकृत अस्पतालों को इस आशय के निर्देश दे दिये हैं।




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