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स्वास्थ्य जांच के बाद मनरेगा में काम लेने का आदेश

बिलासपुर हाई कोर्ट ने लॉक डाउन के दौरान मनरेगा में काम करने वालों की संपूर्ण मेडिकल जांच व् उन्हे सुरक्षा उपकरण देने के बाद काम लेने एवं 15 दिवस में मजदूरी भुगतान का आदेश दिया है। लॉक डाउन के बाद केंद्र सरकार ने 31 मार्च को मनरेगा के तहत काम प्रारम्भ करने का आदेश दिया गया था । इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मीना शास्त्री ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि कोविड 19 के फैलाव को रोकने सरकार द्वारा लॉक डाउन कर एक वर्ग को घर में रहने कहा जा रहा है।वहीं दूसरी ओर रोजगार देने मनरेगा काम प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में मनरेगा में 33 लाख मजदूर है। सभी समूह में काम करते हैं। इनमें से कोई भी बीमार हुआ तो बड़ी संख्या में लोगो के प्रभावित होने की सम्भावना है। मामले में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिग से सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जवाब के लिए समय लिया गया वही राज्य शासन की ओर से जवाब पेश किया गया। मामले में कोर्ट ने शासन को मनरेगा में काम करने वाले सभी मजदूरो का संपूर्ण मेडिकल जांच व् सुरक्षा किट देकर काम कराने तथा 15 दिन में मजदूरी भुगतान करने का आदेश दिया है।




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