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श्रमवीर योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को चक्रधर नगर रायगढ़ पुलिस द्वारा दिए जा रहे चरण पादुका..!मजदूर के हमदर्द बनकर उभर रहे हैं देश के रक्षक।

जगन्नाथ बैरागी. कहने को पूरी दुनिया के साथ साथ हमारा देश भी कोरोना के कहर से संघर्ष कर रहा है परन्तु, कोरोना आपातकाल ने यदि किसी पर सबसे ज्यादा कहर ढाया है तो वह मजदूर ही हैं वे मजदूर जो लाकडाउन में दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं उन्हे सुरक्षित घरों तक लाने सरकार ट्रेन और बस का इंतजाम कर रही है लेकिन ऐसे मजदूरों की संख्या भी कम नहीं जो पैदल चलकर अपने घरों तक पहुंचने की कोशिश में हैं। इन मजबूर मजदूरों के पास भूख की तपन है तो पैरों की जलन भी है। मीलों तय कर अपने घरों तक पहुंचने की कोशिश में इन मजदूरों के पैरों में छाले तक पड़ गए हैं। लेकिन सरकार मजदूरों के भूख की तपन को शांत करने के साथ उनके पैरों की तपन को भी ठंडी करने की योजना चला रही है। प्रदेश की श्रमवीर योजना के तहत पुलिस इन मजदूरों को चरण पादुका यानि चप्पल भी दे रही है। ताकि उनकी मुश्किले कुछ कम हो सके।

पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर के नेतृत्व में चक्रधर नगर टीआई विवेक पाटले और उनकी टीम ने जामगांव पुलिस सहायता केन्द्र के पास ठहरे 15 ऐसे मजदूरों के पैरों में चप्पल पहनाए जो ओडिसा के कोयलंगा से पैदल छत्तीसगढ़ आ रहे थे। बताया जा रहा है कि छोटे छोटे बच्चों के साथ महिलाऐं और पुरुष मजदूर कोयलंगा ओडिसा से रात तीन बजे छत्तीसगढ़ में विभिन्न जगहों पर अपने घर पहुंचने पैदल ही निकल पड़े थे। अधिकांश के पैरों में चप्पल भी नहीं थी। कुछ के पैरो में छाले भी पड़ गए थे। सुबह 10 बजे मजदूर पैदल जामगांव क्षेत्र से गुजर रहे थे तभी पुलिस की नजर उन पर पड़ी। जहां पुलिस ने उन्हे जांमगांव पुलिस सहायता केन्द्र के पास पेड़ की छांव में ठहराया। सहायता केन्द्र के जवानों ने इसकी जानकारी चक्रधर नगर थाना प्रभारी विवेक पाटले को दी। टीआई ने नगर पुलिस अधीक्षक को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया।

जिसके बाद सीएसपी ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चलाए जा रहे श्रमवीर योजना के तहत मजदूरों की सहायता के लिए स्वयं ही जामगांव पुलिस सहायता केन्द्र पहुंचे। जहां श्रमिकों का पहले थर्मल स्नेकिंग कराया गया। उसके बाद उन्हे भोजन कराया गया। सीएसपी अविनाश ठाकुर ने मजदूरों से पूरी जानकारी ली और उन सभी को चरण पादुका प्रदान की। टीआई विवेक पाटले ने मास्क का वितरण किया। बच्चों को बिस्किट के पैकेट भी दिए गए। इसके बाद सीएसपी के निर्देश पर एक वाहन कराकर मजदूरों को उनके गंतव्य तक रवाना किया गया। पुलिस की इस सेवाभाव से मजदूरों ने काफी राहत की सांस ली। पुलिस लाकडाउन में प्रारंभ से ही जरुरत मंदों तक भोजन और उनके घरों तक जाने के लिए व्यवस्था करती रही। लेकिन अब पुलिस ऐसे श्रमवीरों को चप्पल भी दे रही है। बताया जा रहा है कि मीलों रास्ता तय करने वाले श्रमिकों के पैरों की तपन का भी ख्याल पुलिस रख रही है। भीषण गर्मी में गरीब मजदूरों की हालत को देख पुलिस द्वारा शुरु की गई श्रमवीर योजना वाकई में मजदूरों के लिए काफी राहत लेकर आई है।

सीएसपी ने क्वारेंटीन सेंटर का भी लिया जायजा

जामगांव में 15 प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की मदद करने के बाद सीएसपी अविनाश ठाकुर और टीआई विवेक पाटले महापल्ली के क्वारेंटीन सेंटर का जायजा लेने पहुंचे। इस सेंटर में 8 प्रवासी मजदूर हैं जिन्हे 14 दिनों के के लिए क्वारेंटीन किया गया है। सीएसपी ने सभी मजदूरों का हालचाल जाना और उनको दिए जाने वाले सुविधा, भोजन और चेकअप इत्यादी की जानकारी ली। साथ ही उन्हे भी हिदायत दी गई कि वे 14 दिनों तक अपनी पूरी इलाज कराए और सेंटर से बाहर नहीं निकले। उन्हे बताया गया कि निर्देश का पालन नहीं करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएसपी और टीआई ने महापल्ली क्वारेंटीन सेंटर में भी मजदूरों को चप्पल दी। साथ ही बिस्किट, ड्राइफुड और मास्क प्रदान किया। मजदूरों ने इस दौरान अच्छी व्यवस्था होने की बात कही।




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