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कोरोना संक्रमण से लड़ने के प्रति जिले के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में गम्भीर लापरवाही, पूरे मोहल्ले को भुगतना पड़ सकता है इस लापरवाही का गम्भीर परिणाम..!

जगन्नाथ बैरागी.  रायगढ़ में कोविड-19 के मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ते जा रही है।  हाल ही में एक गर्भवती महिला इस बीमारी के गिरफ्त में आ गई है। इस सदमे से रायगढ़ उभर भी नही पाया था कि आज एक सूचना ने जनमानस पर गम्भीर समस्या खड़ी कर दी है।  कोरोना महामारी को लेकर जिले का स्वास्थ्य अमला और कोविड 19 ले प्रभारी कितने सजग और सतर्क है।। इस बात का प्रमाण इस घटना से मिलता है की कबीर चौक परमहंस पांडे नगर वार्ड नंबर 35 का निवासी एक व्यक्ति आशुतोष श्रीवास्तव जो कि 27 मई 2020 को बनारस उ प्र से वापस रायगढ़ लौटा है।।

उसने लौटने के बाद से किसी भी प्रकार की कोई जानकारी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को नही दी है।। न ही उसने कोई जांच करवाया है।। आखिरकार उसके सम्बन्ध में मुहल्ले वालों के द्वारा जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ टोन्डर को दोपहर 2.30 मिनट में दी गई।।  तब जाकर आनन-फानन में करीब 5:00 बजे स्वास्थ्य अमला उसके घर पहुंच कर उसे होम आइसोलेट करके गया है। यह कार्रवाई 31 मई 2020 को की गई। लेकिन आइसोलेशन पोस्टर में 27 मई 2020 लिखकर समय 11:06 तक का आइसोलेशन पीरियड दिखा रहा है। जबकि 27 तारीख से 31 तारीख दोपहर तक वह व्यक्ति स्वतंत्र रूप से इधर-उधर घूमता दिखा ।

उसकी लापरवाही से नाराज जागरूक मोहल्ले वासियों ने इस बात की सूचना पत्रकार के माध्यम से जब कोविड 19 के प्रभारी डॉक्टर टोन्डर को दी गई। तब कहीं जाकर कार्रवाई की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही प्रमाणित होती है।  जैसे उसे 31 मई 2020 को आइसोलेशन में रखना और पोस्टर में दिनांक 27 मई 2020 डालना, उसके पश्चात उसका 28 तारीख के डेट में चेकअप किए जाने की पर्ची बनाना, तथा स्वयं उस लापरवाह व्यक्ति से पूछकर 27 तारीख से लेकर 31 तारीख तक उसके स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को भरना। यह सिर्फ कोरम पूरा किया गया है, इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग ने इसमें कोई संजीदगी नहीं दिखाई। वहीं अधिकारियों ने भी गोलमोल जवाब देकर एक तरफ कोरोना से लड़ने का दिखावा करना और दूसरी तरफ संदिग्धों को लेकर गम्भीर लापरवाही बरतना किस हद तक जायज है?

स्वास्थ्य विभाग की ऐसी लापरवाही से एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है, कि अगर सन्दिग्ध व्यक्ति आसुतोष श्रीवास्तव कल कोरोना पाजेटिव निकलता है तो उसकी करनी और स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही का फल पूरा मुहल्ला नाहक भुगतेगा। आज वह व्यक्ति जिस कॉलोनी में रहता है वहां के लोग दहशतजदा है, कि क्या उस अकेले व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं रखा जा सकता था। वह अभी भी बाहर विचरण करते हुए देखा जा सकता है। यह व्यक्ति अपने साँथ-साँथ क्षेत्रवासियों की जान भी आफत में डाल रहा है। इधर आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही ऐसी है कि आइसुलेशन पोस्टर पर गलत पता लिख दिया गया है। इस तरह कोरोना संक्रमण से लड़ने के प्रति जिले के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में गम्भीर लापरवाही को प्रदर्शित होती है। वर्तमान में वह जिस जगह पर रहता है उसका पता है परमहंस पांडे कॉलोनी वार्ड नंबर 35 लेकिन आइसोलेशन बोर्ड में परमहंस पांडे कॉलोनी वार्ड नंबर 34 कबीर चौक नावापारा लिखा गया है।। जबकि कबीर चौक औऱ नावापारा दोनों अलग मोहल्ला है।।

विगत दिनों ऐसे ही एक घटना बरमकेला ब्लॉक के गोबरसिंघा में भी घटित हुवी है जिससे बरमकेला ब्लॉक पूरी तरह दहशत के साये में है, जब एक सामंत परिवार ने समस्त अंचल को खतरे में डाल दिया।  इसी तरह अगर इस महामारी को इग्नोर किया जाता रहा तो सम्पूर्ण प्रदेश में इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।  रायगढ़ स्वास्थ्य विभाग को अब गम्भीरता से सजग होना पड़ेगा वरना हज़ारों लोग इस महामारी के चपेट में न आ सकते हैं।





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