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चिंतनीय:- सारंगढ जनपद कार्यालय मे बेरोजगार श्रमिको का साक्षात्कार, 30 जून 2020 से 06 जुलाई 2020 तक.

अंचल के सरपंच सचिवों को दिया गया दायित्व..

जे. एस. डब्ल्यू स्टील कम्पनी महाराष्ट्र को वेल्डर, फिटर आदि लगभग 10,000 लेबर कि आवश्यकता.

महाराष्ट्र जाकर करना होगा काम..

उद्योग चलाने के लिए आखिर पड़ गई मजदूरों की आवश्यकता...

न्यूज़ पढ़के बहुत अच्छा लगा न लेकिन थोड़ा रुकिए..

एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने का दावा कर रही है,  कामगार मजदूरों को बमुश्किल अपने घर वापसी करा पाई है लेकिन कुछ दिन बीते ही नही अब एक कंपनी के खातिर महाराष्ट्र भेजने को भी तैयार है. जिसके लिए बाकायदा सरपंच सचिवों को मजदूर भेजने की जिम्मेदारी भी दे रही है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले घर वापसी के लिए जद्दोजहद करने वाले आज पुनः मजदूरों को पलायन हेतु उत्प्रेरित करना समझ से बाहर है. स्थानीय जनपद पंचायत कार्यालय मे श्रमिक साक्षात्कार का आयोजन दिनांक 30/6/2020 से दिनांक 6/7/2020 तक प्रतिदिवस आयोजित किया जा रहा है.

यह जानकारी देते हुए जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक बनर्जी ने बताया कि इसकी सूचना सारंगढ जनपद क्षेत्र के सर्व सरपंच सचिव को दी गई है. कि इस साक्षात्कार के लिये अधिक से अधिक संख्या मे बेरोजगार श्रमिको को सम्मिलीत करने की कोशिश करें.

श्री बनर्जी ने बताया कि जे. एस. डब्ल्यू स्टील कम्पनी महाराष्ट्र को वेल्डर, फिटर आदि लगभग 10,000 लेबर कि आवश्यकता है.

अधिकारिक टेलीफोनिक चर्चा अनुसार कुशलता के आधार पर पारिश्रमिक प्रदाय किया जाएगा और महाराष्ट्र ले जाने हेतु वाहन, खाने एवं आवास की व्यवस्था कम्पनी द्वारा वहन की जाएगी.

अब विचारणीय बिंदु यह है कि एक तरफ हमारे प्रदेश के मुखिया 100% रोजगार की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ एक कम्पनी के लिए सरपंच सचिवों को मजदूर लाने की जिम्मेदारी भी सीईओ साहब देते है.

महाराष्ट्र में कोविड -19 का प्रकोप किस तरह से किसी से छुपा नही है, ऐसे में वहां हमारे सारंगढ़ के मजदूरों को भेजने के पीछे क्या मंशा है ये तो सीईओ  साहब और शासन ही जाने.

आपको बता दें कि अभी तक कई मजदूर बाहर से आकर अपने घर भी नही पहुंच पाए हैं क़वारेंन टाईन सेंटर में दिन काट रहे हैं,  उन्हें पुनः महाराष्ट्र भेजना एक कम्पनी के खातिर समझ से परे का काम है.

जानकारी के अनुसार जे. एस. डब्ल्यू स्टील कम्पनी महाराष्ट्र मजदूरों की कमी से बंद पड़ी है, जे एस डब्ल्यू स्टील कम्पनी के महाराष्ट्र में ब्रांच है जिसके वासिन्द, पुणे, मुंबई में भी ब्रांच है जो कि मजदूरों के कोरोनकाल में घर वापसी के कारण बन्द पड़ गयी है.

अब इस कम्पनी को करोड़ों कमाने के लिए छतीसगढ़ से मजदूर चाहिए. बड़े लोग अपने बेटो को पढाई के नाम से भी वर्तमान में किसी हाल में दिल्ली मुम्बई भेजना नही चाहते क्योंकि वहां संक्रमण बड़े पैमाने पर है. लेकिन मजदूर गरीब जो हैँ,  उनकी जिंदगी का मोल भी सस्ती ही होगी न ?




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