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छत्तीसगढ़ में फिर 4 मवेशियों की मौत, भूख-प्यास की वजह से सरकारी स्कूल के कमरे में तोड़ा दम...!

बिलासपुर। मस्तूरी विकासखंड के मड़ई गांव से मवेशियों की मौत की खबर आई। एक स्कूल के छोटे से कमरे में रखे गए 4 मवेशियों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी गांव के सरपंच और जिला प्रशासन के अधिकारियों तक भी पहुंची। जिस कमरे में मवेशियों की मौत हुई, वहां इनके चारे का कोई प्रबंध नजर नहीं आया। घटना स्थल का मुआयना करने पहुंची अतिरिक्त तहसीलदार संध्या नामदेव ने कहा कि 7 अगस्त को गावं की सरपंच ने ग्रामीणों से बातचीत के बाद मवेशी स्कूल में रखवा दिए थे।

-किसानों लेकर नहीं गए अपने मवेशी

अतिरिक्त तहसीलदार ने कहा कि सरकार की तरफ से पहले ही कह दिया गया है कि गांव के मवेशियों को इस तरह कैद करके ना रखें। सरपंच राधिका साहू ने कहा कि ऐसे किसी निर्देश की जानकारी नहीं है। अतिरिक्त तहसीलदार ने कहा कि हम घटना की जांच करेंगे, दोषियों पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई होगी। सरपंच राधिका ने अपनी सफाई में कहा कि हमने किसानों से कहा था कि वो अपने मवेशियों को ले जाएं, मगर किसी ने ध्यान दिया। जानवरों की वजह फसलों को नुकसान ना हो इस वजह से मवेशियों को इस तरह से स्कूल के कमरे में रख दिया गया था।

-इससे पहले 47 मौतें भी इसी जिले में

तखतपुर ब्लाक के मेढ़पार बाजार गांव में 47 मवेशियों की मौत हुई। इन्हें भी ऐसे ही कमरे में कैद करके रखा गया था। इस घटना की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि गायों की मौत दम घुटने से हुई । बीते 24 जुलाई को फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले करीब 60 मवेशियों को ग्रामीणों ने जर्जर पंचायत भवन में रख दिया था। मामला सामने आने के कुछ ही देर में कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। कुछ ग्रामीणों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई थी।




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