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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 9वीं और 11 कक्षा के 9 बाल विज्ञानियों को तीन बड़ी कम्पनियों ने लिया गोद..1 वर्ष तक दिया जाएगा प्रशिक्षण...


गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर के नौ बाल विज्ञानियों को एमआइटी पुणे विश्वविद्यालय,एआइसीबीवी फाउंडेशन पटना व आइबीएम इंटेल ने गोद लेने का निर्णय लिया है। इन्हें एक वर्ष तक प्रशिक्षित किया जाएगा। प्राचार्य डॉ. राघवेंद्र गौराहा ने बताया कि नीति आयोग ने इस संबंध में एटीएल इंचार्ज डॉ. धनंजय पांडेय और मुझे मेल के जरिए जानकारी दी है।

बीते तीन वर्षों से इनोवेटर के जरिए बाल विज्ञानी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। इंटरनेशनल रोबोटिक चैंपियनशिप दुबई से लेकर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन के समक्ष इनोवेशन के जरिए अपनी पहचान बनाई है। मोक्षा मशीन के जरिए चिता की राख को परिष्कृत करने का काम अब शहर के प्रमुख मुक्तिधामों में बखूबी किया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने रोबोटिक खेती का प्रदर्शन कर बाल विज्ञानियों ने राष्ट्रपति से भी खूब वाहवाही बटोरी है। अब अटल कृषि मित्र के व्यावसायिक उपयोग के लिए नीति आयोग ने आइबीएम कंपनी को अधिकृत कर दिया है।

तीन आविष्कारों ने दिलाई पहचान

किचन गार्डन,अटल दिव्यांग रथ और मैथेमेटिकल बोर्ड ने एटील के नौ बाल विज्ञानियों को विशिष्ट पहचान दिलाई है। अपने इनोवेशन के दम पर बाल विज्ञानियों ने देश की नामी कंपनियों के साथ ही नीति आयोग का ध्यान भी आकर्षित किया है।

ये हैं बाल विज्ञानी

एमआइटी पुणे विश्वविद्यालय ने हरिश कुमार,अखिलेश,आदित्य श्रीवास,एआइसीबीवी फाउंडेशन पटना ने विमल कुमार,तरुण मिश्रा,उदय कुमार व आइबीएम इंटेल ने निखिल प्रजापति,विकास कश्यप, विवेक को गोद लिया है। खास बात ये है कि ये बाल विज्ञानी कक्षा नवमीं व ग्यारहवीं के छात्र हैं।




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