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छत्तीसगढ़:--निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों का फूटा गुस्सा..कहा अगर बच्चों को ऑनलाइन परीक्षा से वंचित रखेंगे प्राइवेट स्कूल तो निकालेंगे रैली.. नेता और डीईओ का जलाएंगे पुतला...

बिलासपुर. कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को सर्व स्कूल अभिभावक संघ ने निजी स्कूल संचालकों पर गुस्सा जाहिर किया है। सर्व स्कूल अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि निजी स्कूल अपनी सीमा से बाहर आकर धमकी दे रहे हैं। जानकारी मिली है कि ट्यूशन फीस नहीं जमा करने वाले बच्चों की आनलाइन परीक्ष स्थगित कर दी जाएगी।

जिला प्रशासन को अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हम सभी लोग ट्यूशन फीस देना चाहते हैं। लेकिन स्कूल संचालक साजिश को लेकर बाज नहीं आ रहे हैं। यह जानते हुए भी कि किसी भी स्कूल ने जिला शिक्षा अधिकारी से अभी तक फीस अनुमोदन नहीं कराया है। स्कूलों की मान्यता भी एक मुद्दा है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें सीबीएसई से मान्यता हासिल है। और हम जानते है कि एक स्कूल इसके बहाने कई स्कूल चला रहे हैं। जाहिर सी बात है ऐसे स्कूलों के प्रति अभिभावकों में आक्रोश होना स्वभाविक है।

जिला प्रशासन को अभिभावकों ने जानकारी दी कि 13 मई 205 को कलेक्टर ने फीस वृद्धि पर नियंत्रित करने एक आदेश जारी किया था। इसके बाद निजी स्कूल संचालकों ने पैंतरा खेलते हुए सभी शुल्क को जोड़कर ट्यूशन फीस बना दिया। मजेदार बात है कि आज तक इसका अनुमोदन भी नहीं हुआ है। अब स्कूल संचालक हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में अपने गलत मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। जबकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके निजी स्कूल संचालक बच्चों को आनलाइन परीक्षा से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।

अभिभावकों ने बताया कि सीबीएसई गाइड लाइन के अनुसार स्कूल संचालन के लिए रिजर्व फण्ड का होना जरूरी है। लेकिन देखने में आया है कि किसी भी स्कूल के पास रिजर्व फण्ड नही है। और ना ही शिक्षा विभाग को इस बात की जानकारी ही दी गयी है। स्कूल संचालक मनमानी फीस वसूल कर शिक्षकों को वेतन देने के बाद रूपए अपने स्वार्थ में उड़ा देते हैं। अब परीक्षा से वंचित किए जाने की धमकी देकर बच्चों और अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई बच्चो को तो आनलाइन परीक्षा से वंचित भी कर दिए हैं। जिसके चलते बच्चें अवसाद में जाने को मजबूर है।

अभिभावकों ने बताया कि यदि बच्चों को आनलाइन परीक्षा से वंचित किया गया तो सभी अभिभावक 8 सितम्बर 2020 को रैली निकालेंगे। कोविड 19 को लेकर शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए विधायक,सांसद और जिला शिक्षाअधिकारी का पुतला चलाएंगे। जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।





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