जान जोखिम में डालकर सिर्फ उत्तर पुस्तिका लेने महाविद्यालय पहुंचें विद्यार्थी.
मेला जैसा माहौल दिखने वाला यह फोटो महाविद्यालय में वार्षिक परीक्षा हेतु उत्तर पुस्तिका लेने को लेकर है. जहाँ आज उत्तर पुस्तिका वितरण में छात्र छात्राओं की भीड़ लग गई. कालेज परिसर में लगातार सैकड़ो की संख्या में महाविद्यालय के छात्र उत्तरपुस्तिका लेने पहुँचे रहे है.
तस्वीर पिथौरा शासकीय चंद्रपाल डड़सेना महाविद्यालय की है जहाँ में वार्षिक परीक्षा हेतु उत्तर पुस्तिका वितरण में आज छात्र छात्राओं की भीड़ लगने पर मेला जैसा माहौल बन गया.
महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए जब प्रश्न पत्र आन लाइन उपलब्ध कराया जा सकता था, घर बैठे तो क्या उत्तर पुस्तिका ऑनलाइन उपलब्ध नही करवाया जा सकता था ? बताया गया कि 17 से 23 तारीख तक उत्तर पुस्तिका का वितरण किया जाएगा जिसके बाद जिस दिन परिक्षा होगी उसी दिन उत्तर पुस्तिका जमा किया जाएगा.
इधर रायपुर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की ऑनलाइन परीक्षा में उत्तर पुस्तिका के वितरण को अव्यवहारिक एवं ऑनलाइन परीक्षा के उद्देश्य को समाप्त करने वाला बताते हुए महामहिम राज्यपाल को पत्र लिख कर ऑनलाइन परीक्षा के उद्देश्य को बरकरार रखने की मांग की हैं.
प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूरा प्रदेश कोरोना संकट के भीषण दौर से गुजर रहा हैं. स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रदेश की जनता चिंतित हैं. समाज का हर वर्ग इस संकट से जूझ रहा हैं, ऐसे में छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं स्वास्थ्य की चिंता के बीच छात्रों की परीक्षा भी कोरोना संकट के चलते बाधित रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट और लगातार कोरोना के विस्तार को देखते हुए अन्य विश्वविद्यालयों की भांति पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही हैं, परंतु छत्रों को ऑनलाइन परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिका अपने अपने महाविद्यालय से प्रप्त करने का आदेश न सिर्फ अव्यवहारिक हैं बल्कि कोरोना संकट के बीच आयोजित ऑनलाइन परीक्षा के उद्देश्य को ही समाप्त करने वाला और छात्र छात्राओं के स्वास्थ को जोखिम में डालने वाला हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा हैं. छात्र छात्राओं सहित पालकों व अभिभावकों के बीच भी विश्व विद्यालय के इस अव्यवहारिक निर्णय से भय एवं चिंता व्याप्त हैं. कैसे छात्र छात्राएं कोरोना संकट के बीच अपनी जान जोखिम में डाल कर सिर्फ उत्तर पुस्तिका लेने महाविद्यालय पहुंचेंगे. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित अन्य जन सुविधएं भी पहले जैस सहज सरल नहीं रहे हैं. प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा हैं और कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए ही हम ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को अपना रहे हैं ऐसे में उत्तर पुस्तिका के लिए परीक्षार्थियों को बुलाना कहां तक उचित हैं.