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मृतक के नाम से भूगतान कर रहे थे वृद्धा पेंशन, एक साल से कर रहे थे भूगतान... पोल खूली तो सूची से हटाया नाम...

पिथौरा- पेंशन राशि आबंटन में बरती गई अनियमितता, जिंदा तरस रहे है वृद्धा पेंशन के लिए यहां मूर्दो के नाम पर दी जा रही है वर्षो से प्रत्येक महिना पेंशन की राशि इस खूलासे से ग्राम पंचायत में मचा हङकंप। प्रारंभिक तौर पर लाभार्थी का नाम अपडेट नही किये जाने का मामला सामने आया है यही वजह है कि मृतक के नाम पर भी अब तक राशि जारी कि जाती रही है।

शासन के केन्द्रीय योजना के तहत ग्रामीण और नगरीय निकायो में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन , नि:शक्त पेंशन , विधवा पेंशन , सामाजिक सूरक्षा पेंशन , सूखद साहारा पेंशन जैसी योजना संचालित है। इंदिरा वृद्धा पेंशन योजना के तहत दो तरह के हितग्राहीयो को पेंशन कि पात्रता होती है इसमें गरीबी रेखा से वास्ता रखने वाले 59 वर्ष से अधिक व 79 वर्ष कम उम्र वालो को 350 रू प्रतिमाह दी जाती है इसी तरह इस योजना के तहत 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले हितग्राहीयो को 600 रू प्रतिमाह दिया जाता है । नियमानुसार मृतक हितग्राही की जानकारी पंचायत के माध्यम से जनपद को दीया जाना होता है। जानकारी नही दिये जाने के कारण मृतक का नाम सूची से खारिज नही किया जाता है।

मिली जानकारी अनुसार वि.ख.पिथौरा अन्तर्गत ग्राम पंचायत माटीदरहा निवासी दयानंद पिता नरसिंग वृद्धा पेंशन योजना के लाभार्थी था। दिनांक 15/05/2019 को दयानंद की मृत्यु हो चूकी है । सचिव ग्राम पंचायत माटीदरहा के द्वारा उक्त मृतक के परिजनो को मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा चूका है, फिर भी माह अगस्त 2020 तक मृतक दयानंद के नाम से वृद्धा पेंशन की राशि नियमित भूगतान किया गया है इस बारे में जब ग्रामीणो को पता चला और गांव में चर्चा होने लगी तब 28 अगस्त 2020 को मृतक दयानंद का नाम पेंशन सूची से हटा दि गई है।

क्या है आबंटन की प्रक्रिया

पेंशन योजना के तहत आबंटित राशि शासन द्वारा पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग को भेजा जाता है जहां से जनपद के माध्यम से मिले हितग्राहियो कि सूची के अनुसार पंचायत समाज कल्याण विभाग के द्वारा राशि जनपदों को जारी कर दीया जाता है जहां से हितग्राहियो के बैंक खातो के माध्यम से भूगतान कर दिया जाता है जिन हितग्राहियो का बैंक खाता नही है उन हितग्राहियो की राशि को सचिव व सरपंच द्वारा आहरित कर हितग्राहियो को नगद भूगतान किया जाता है लेकिन शासन के कङे निर्देश है कि शत प्रतिशत हितग्राहियो का किसी भी बैंक से बैंक खाता खोलकर पेंशन कि राशि बैंक के माध्यम से सीधे हितग्राही के खाते में भूगतान किया जाय। इसके बाद भी कई हितग्राहीयो का बैंक खाता आज भी नही है इन हितग्राहीयो को नगद भूगतान किये जाने कि प्रक्रिया का लाभ उठाते हूए सरपंच व सचिव द्वारा हितग्राहियो की राशि को डकार लिया जाता है।

इसी तरह समाज कल्याण विभाग की उदासिनता के कारण आये दिन कोई न कोई पंचायतो से इसी तरह के मामले का खूलासा होते रहता है लेकिन दोषियो के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर केवल खाना पूर्ति करके छोङ दिया जाता है, अब देखना होगा इस मामले में शासन दोषियो के विरूद्ध क्या कार्यवाही करती है।




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