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कोरोना काल के आठ महीने में भारत में हुए 6,96,938 साइबर अटैक, ई-मेल भेजकर किया जाता है चोरी

एक और पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर हैकर्स भी इस महामारी में लोगों को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कोरोना की शुरुआत में ही कुछ साइबर एक्सपर्ट ने आगामी साइबर अटैक को लेकर दुनिया का आगाह किया था। सिक्योरिटी फर्म बाराकुडा नेटवर्क ने इसी साल मार्च में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना वायरस फैलने के बाद से पिशिंग अटैक में 667 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केवल 1 मार्च से 23 मार्च के बीत 4,67,825 पिशिंग ई-मेल भेजे गए जिनमें 9,116 कोरोना से संबंधित थे, जबकि फरवरी में कोरोना को लेकर 1,188 और जनवरी में सिर्फ 137 ई-मेल भेजे गए थे। फर्म का कहना है कि इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस से संबंधित ई-मेल भेजकर लोगों की निजी जानकारी चोरी की जा रही है और उनके सिस्टम में मैलवेयर इंस्टॉल करवाया जा रहा है। पिछले आठ महीने में भारत में हुए 6,96,938 साइबर अटैक हुए, केंद्रीय शिक्षा, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे की ओर से एक पत्र के जवाब में बताया गया है कि जनवरी से अगस्त तक भारत में करीब सात लाख साइबर अटैक हुए हैं। इसकी जानकारी खुद भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने दी है।

तीन साल में साइबर फंड के नाम पर दिए गए 363.56 करोड़ रुपये वहीं 2018-19 में 141.33 करोड़ रुपये रिलीज हुए, जबकि खर्च 137.38 करोड़ रुपये हुए। साल 2019-20 में साइबर फंड के नाम पर 135.75 करोड़ रुपये दिए गए हैं जिनमें से 122.04 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। NIC पर साइबर अटैक हाल ही में चीन द्वारा जासूसी किए जाने की बात सामने आने के बाद अब राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के कंप्यूटरों पर साइबर अटैक का मामला सामने आया है। साइबर हमले के बाद शिकायतकर्ता कर्मचारी का कंप्यूटर ठप हो गया था। बंगलूरू की आईटी फर्म की ओर से भेजे गए ई-मेल में वायरस था। स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस सेल ने सितंबर के पहले सप्ताह में एनआईसी की शिकायत पर संदिग्ध मालवेयर हमले का मामला दर्ज कर लिया था। बताया जा रहा है कि इस लिंक ने एनआईसी के 100 कंप्यूटरों को प्रभावित किया है।

एनआईसी के पास रहता है महत्वपूर्ण डाटा एनआईसी के पास प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अलावा सुरक्षा, वीआईपी हस्तियों से जुड़ा डाटा रहता है। यह केंद्र और राज्य सरकारों व अन्य सरकारी निकायों को नेटवर्क व ई-गवर्नेंस की सुविधा भी प्रदान करता है।





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