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छत्तीसगढ़:- अवैध रेत खनन मामले में कार्यवाही न करने वाले 04 सरपंचों को उनके पद से हटाने के लिए पँचायत राज अधिनियम के तहत धारा 40 के तहत नोटिस जारी..

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विकासखण्ड के चार ग्राम पंचायतों के सरपंचों को उनके पद से हटाने के लिए पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 के तहत नोटिस जारी की गई है। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी कसडोल ने सरपंचों को अपने अधिकार क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर गत 1 अक्टूबर को यह नोटिस जारी की है।

इनमें ग्राम पंचायत डेराडीह (रामपुर) की सरपंच श्रीमती जोईश चैहान, ग्राम पंचायत हसुवा की सरपंच श्रीमती रामेश्वरी साहू, ग्राम पंचायत बलौदा की सरपंच श्रीमती निधीसिंह एवं ग्राम पंचायत कोट (रा) के सरपंच शंकरलाल कैवत्र्य का नाम शामिल हैं।

अनुविभागीय राजस्व अधिकारी ने जारी नोटिस में कहा है कि ग्राम पंचायत के क्षेत्र अंतर्गत विधि विरूद्ध गतिविधियों के संबंध में शासन द्वारा सरपंचों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। परन्तु कोरोना काल में भी अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन पर अंकुश लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। और न ही कार्यालय को इस संबंध में कोई सूचना अथवा जानकारी दी जा रही है। बल्कि कई लोगों की मिलीभगत से जान बूझकर इस प्रकार का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कराये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि जिले में 22 सितम्बर से 29 सितम्बर तक जारी लाॅकडाउन के दौरान भी उनके इलाके में अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी रहा। बिना पंचायत की मिलीभगत के इस प्रकार का उत्खनन संभव नहीं है। इस प्रकार के अवैध कारगुजारियों से क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण दर भी तेज गति से बढ़ा है।

शासन द्वारा 15 अक्टूबर तक नदी से किसी भी प्रकार के रेत उत्खनन एवं परिवहन को प्रतिबंधित भी किया गया है। अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने के कारण लोकहित में अपने सरपंच पद पर बने रहने का काई औचित्य नहीं है। सरपंचों को पांच दिवस के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने की मोहलत दी गई है अन्यथा पंचायत राज अधिनियम की धारा-40 के अंतर्गत सरपंच पद से पृथक कर दिया जायेगा।




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