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ऑपरेशन 65 को मिली सफलता पाकिस्तानी सरगना के साथ मिलकर ठगी करने वालों का पुलिस ने किया पर्दाफाश, देश के बहार भी देते थे घटना को अंजाम, लकी ड्रा के नाम पर दिया जाता था झांसा.

बिलासपुर पुलिस के ऑपरेशन 65 को मिली सफलता  है. जिसमे पाकिस्तानी शातिर ठगो के साथ मिलकर ठगी करने वाले अंतराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.

मिली जानकारी के अनुसार यह गिरोह देशभर में हजार से अधिक ठगी करने वाला गिरोह है जिसे पुलिस ने पकड़ किया है. इस गिरोह में पाकिस्तानी सरगना बडे मामू (असगर)छोटे मामू (असरफ) और सलीम घटना को अंजाम देते थे. ये लोग देश के सभी राज्यो अथवा देश के बाहर अन्य देशों में भी अपनी घटना को अंजाम देते थे.

आरोपी डिजिटल करेन्सी रकम से हेराफेरी करते थे,  जिनके तार पाकिस्तान सऊदी अरब मलेशिया से जुड़े है. ये अधिकतर हिन्दी भाषी वाले क्षेत्रो को निशाना बना चुके है. ये आरोपी  पाकिस्तानी वाट्स-अप नंबर एवं झांसे से प्राप्त इंडियन नंबर एवं सेकेन्ड लाईन नंबर से झांसा देते थे.

ईनाम, गिफ्ट, लाटरी का झांसा देना था इनका मुख्य तरीका-ए-वारदात है. 9 दिन तक चले ’’आपरेशन 65’’ विभिन्न प्रादेशिक वेशभुषा, भाषा, एवं रहन-सहन अपनाकर पुलिस को सफलता मिली है.

मामले मे 03 नग लेपटाप 13 नग मोबाईल एवं 15 लाख नगदी रकम एटीएम कार्ड, पासबुक बारामद कर खाता में 27 लाख रुपये ब्लाक कराये गये हैं. कुल जप्त रकम 42 लाख रू. है.

आरोपीयों को मुबंई, मध्यप्रदेश, उडीसा से गिरफ्तार किया गया है, बताया गया कि डिजिटल करेंसी ट्रेडिंग की जाँच होगी तथा सभी खाताधारकों की भी जाँच होगी. और पीडितो को अवगत कराया जाएगा.

पुलिस के मुताबिक जनवरी में पीड़ित जनकराम पटेल ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि मध्य पाकिस्तानी मोबाइल नंबर के जरिए फोन कर जियो लकी ड्रा के नाम पर 65 लाख रुपए ठग लिए. जिस पर महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज दीपांशु काबरा और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने घटना की गंभीरता लेते हुए पुलिसकर्मियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साइबर और पुलिस की टीम गठित कर रीवा देवास, इंदौर, उडिसा, मुम्बई महाराष्ट्र भेजा गया, जहां टीम ने विराट सिंग का लगातार 10 दिनों तक पतासाजी कर मामले के संबंधित आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की.

गठित टीम में से एक टीम रीवा (म.प्र.) में कैंप कर आरोपी विराट सिंग को घेराबंदी कर पकड़ा. आरोपी विराट ने बताया कि पाकिस्तान के छोटे मामू उर्फ असरफ और बडे मामू उर्फ असगर एवं सलीम के लिये काम करता है, जो कि पाकिस्तान से है. विराट सिंग से वाट्सप आडियो/विडियो काॅल और मैसेज के माध्यम से बातचीत होती है. पाकिस्तानी ठगों ने लोगों को लाॅटरी की लालच देकर ठगी करने के दौरान विराट सिंग द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंको के विभिन्न खातों में रकम जमा करावाये जाता था. जिसकी सूचना विराट को वाट्सप चैट के माध्यम से दिया जाता था.

जिसके बाद विराट सिंग द्वारा अपना कमीशन काट कर पाकिस्तानी ठग छोटे मामू उर्फ असरफ और बडे मामू उर्फ असगर एवं सलीम के द्वारा विराट सिंग को उपलब्ध कराये अन्य खातों में पेटीएम के माध्यम से रकम स्थानांतरित करने कहा जाता था.

आरोपी विराट द्वारा अपने खाते के अतिरिक्त अन्य खातों की भी जानकारी एकत्रित कर उन्हें जमा रकम की 3 प्रतिशत की लालच देकर अपने झांसे में लिया जाता था. जिसमें से ज्यादातर मध्यप्रदेश के रीवा और देवास के खाता धारक हुआ करते थे. आरोपी विराट सिंग के निशादेही पर खाता धारक शिवम ठाकुर और संजू चौहान को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया.

विराट सिंग, पाकिस्तानी छोटे मामू और बड़े मामू ने राजेश और हर्ष जायसवाल के खाते में करीब 45 लाख रुपए ट्रान्सफर किया था. लिहाजा एक टीम मुबंई जाकर राजेश अग्रवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि राजेश जायसवाल खातों का संचालन स्वयं करता है. इसके खाते में आए रकम को डिजिटल करेंशी बीट क्वाईन (बीटीएस ) तब्दील कर उपर भेजता है.

एक टीम ओडिशा से जाकर डिजिटल पेमेंट सालूशन के संचालक सीता राम गौडा को हिरासत में लिया गया. जिसके निजी और डिजिटल पेमेंट सालुशन के नाम पर काते खोले गए. जिसमें करीब 15 लाख रुपए से ऊपर रकम जमा कराया गया था, जिसे फ्रिज करा दिया गया है.

गिरफ्तार आरोपियों में विराट सिंग (21 वर्ष) रीवा जिले के सिरमोर का निवासी, शिवम ठाकुर (20 वर्ष) देवास के इटामा निवासी, संजू चौहान (20 वर्ष) देवासा के इटामा निवासी, राजेश जायसवाल (55 वर्ष) मुंबई निवासी, सीताराम गौडा (35 वर्ष) ओडिशा के गंजाम निवासी शामिल है. इसके अलावा 24 परगना पश्चिम बंगाल, गोपालगंज बिहार, बाखर हाट, पश्चिम बंगाल, कृषनगर धुबेलिया पश्चिम बंगाल, पश्चिम गाजियाबाद, हुगली चंदेर नगर हुगली, सूरत, उत्तरा-खण्ड सहित उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह को ध्वस्त किया जाएगा.

बिलासपुर पुलिस को इस ऑपरेशन में मध्यप्रदेश पुलिस के रीवा देवास, इंदौर से मुंबई से यूनिट 2 की क्राइम ब्रांच की टीम से एवं गंजाम ओडिशा पुलिस का विशेष सहयोग रहा मिलता रहा. महानिरीक्षक बिलासपुर दीपांशु काबरा और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने अंतराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करने वाले टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है. इस टीम में गौरव राय (परिविक्षाधीन आईपीएस), निरीक्षक कलीम खान, प्रभाकर तिवारी, मनोज नायक, निरीक्षक बृजलाल भारद्वाज, सउनि. शिव चंद्रा, गजेन्द्र शर्मा, बलबीर सिंह, संतोष यादव, धमेन्द्र साहू, नवीन एक्का, दीपक उपाध्याय, दीपक यादव, तदवीर पोर्ते, विकास राम, मुकेश वर्मा, राकेश बंजारे, सोनू पाल, राजेश नारंग, गोकुल जांगड़े, सन्दीप शर्मा, राजेश यादव और नकुल सिंह शामिल है.




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