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रायगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के कर्मचारी निकले पत्थर दिल..!मृत बच्चे के साथ तड़प रही थी महिला...सोशल मीडिया बनी जरिया.. वीडियो देख कलेक्टर ने दिखाई मानवता...

रायगढ़। अपनी अव्यवस्था लेकर हमेशा चर्चित रहा जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां एक गर्भवती महिला इलाज़ के लिए आई थी, जिसका बच्चा पेट में मर चुका था। परिजनों के अनुसार वह तीन दिन तक इलाज के लिए तरसती रही थक हारकर परिजनों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया। जिसके बाद जिला कलेक्टर भीमसिंह के हस्तक्षेप के बाद महिला का इलाज शुरू हुआ।

सोनोग्राफी में बताया था मृत, तड़प रही थी महिला:-

बीते दिवस रात 10 बजे केजीएच अस्पताल की लापरवाही का एक और वास्तविक घटना सामने आया है। बताया जा रहा है कि भूपदेवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोड़तराई निवासी सुमित्रा साहु गर्भवती है और विगत 3 दिनों से जिला चिकित्सालय में इलाज हेतु भर्ती थी। महिला को सोनोग्राफी करने को कहा गया। सोनोग्राफी रिपोर्ट में उसे बताया गया कि उसके पेट में जो बच्चा पल रहा है उसकी किसी कारणवश मौत हो गई है। जिसके बाद से उसे परिजनों ने केजीएज अस्पताल में भर्ती करवाया और डाक्टरों को उसकी हालत बताई।

सरकारी अस्पताल का हाल, मरीज रहते बेहाल..!:-

परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टर सुमित्रा की हालत के बारे में सब कुछ जानते हुए भी बीते कल रात 9:00 बजे तक मेरी पत्नी की किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की है और ना ही हम लोगों को उनसे मिलने दिया गया है। अस्पताल में अव्यवस्था चरम पर है। परिजनों की माने तो डाक्टरों असंवेदनशील हो चुके हैं और उनकी संवेदनहीनता के कारण उन्हें काफी तकलीफ व परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। पत्नी के गर्भ में मृत बच्चा है और वो अस्पताल में तड़प रही है। सुमित्रा साहू की हालत हर पल बिगड़ने लगी और उसके हाथ पैर में सूजन होने लगा और पेट मे तेज दर्द शुरू हो गया था।

सोशल मीडिया में वीडियो बनाकर परिजनों ने लगाई मदद की गुहार तब डीएम भीमसिंह की पहल से महिला का हुआ इलाज

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आलम यह है कि एक गर्भवती महिला के परिजनों को सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगानी पड़ी। परिजनों ने कुछ मीडिया के साथियों को वीडियो भेजी और पूरी बात बताई। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद इस वीडियो व केजीएच हॉस्पिटल की भारी लापरवाही की जानकारी जिला कलेक्टर भीम सिंह को लगी तो उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने केजीएच अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए तत्काल पीड़ित महिला का इलाज प्रारम्भ करने को कहा। जिसके बाद जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स रात 10 बजे सुमित्रा साहू को देखने डॉक्टर पहुंचे और उनका इलाज शुरू किया।




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