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नगरपालिका सारंगढ़ के अधिकारी, कर्मचारी मस्त..आम जनता, दुकानदार त्रस्त...! पढ़िए क्या है मामला..

नगर पालिका का मुख्य कार्य शहर के निवासियों को सामान्य सुविधायें उपलब्ध कराना तथा उनके कल्याण के कार्यों को सम्पन्न करना है । इनमें मुख्य रूप से पीने के पानी की व्यवस्था करना, सफाई और जल-निकासी का प्रबन्ध करना, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था करना है ।

इसके अलावा शहर की सडकों का निर्माण और रख-रखाव, शिक्षा का प्रबन्ध और नगरवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करना, साफ सफाई की समुचित व्यवस्था करना भी इन्हीं का काम है। महामारियों की रोकथाम, रोगों से बचाने के लिये टीकों का प्रबन्ध, प्रसूति-गृहों और शिशु-कल्याण केन्द्रों का प्रबन्ध जैसे अनेक जनकल्याणकारी कार्य नगरपालिकाओं के कार्यक्षेत्र में आते है ।

क्या है इनके आमदनी के साधन:-

नगरपालिकायें शहर के निवासियों पर स्थानीय कर लगाती है । थोडे-से अति निर्धन लोगों को छोड़कर प्रत्येक निवासी को कुछ-न-कुछ कर इन नगरपालिकाओं को देना पड़ता है। गृह कर, जल कर, वाहनों पर कर आदि इनकी आमदनी का मुख्य स्रोत हैं।

सारंगढ़ वासी हैं परेशान.. अधिकारी तो दूर की बात, ड्राइवर के भी नही सुनाते कान:-

जब बात सारंगढ़ की आती है तो शांत शहर, और शांतिप्रिय जनता अपनी समस्याओं से कर्मचारियों को बार बार अवगत कराते हैं, पर मजाल है उनके कानों में जूं तक रेंगे..!

ताज़ातरीन घटना आज़ाद चौक से पुराने नगरपालिका के मध्य स्थित नवीन बूट हाउस के समीप के पास की है.. नगरपालिका के कर्मचारी प्रतिदिन समस्त कचरा दुकान के बगल में डाल कर चले जाते हैं..दुकानदार कर्मचारियों से लेकर ड्राइवर तक को दसों बार अनुरोध करता है कि कचरा को यहाँ मत रहने दो ,सफाई करा दो लेकिन न साहब न ही ड्राइवर इस पर ध्यान देते हैं।

दुकानदारों की माने तो अगर बात दुकानदारों से टैक्स लेने या कोरोनकाल में दुकान बंद कराने की हो तो कर्मचारी क्या साहब खुद पैदल मार्च में निकल पड़ते हैं रौब झाड़ने.! लेकिन जब उनके कर्तव्य की बारी आती है तो इनको सांप सूंघ जाती है।

महामारी काल मे जानलेवा न बन जाये कचरा..!

एक तरफ प्रशासन साफ सफाई पर लाखों-करोड़ों खर्च कर रही है, दूसरी तरफ नगरपालिका सारंगढ़ के कर्मचारियों की सफ़ाई के प्रति उदासीनता अपने चरम पर है, ऐसे में रोगों के संक्रमण बढ़ने के आशंका से इनकार नही किया जा सकता। अब देखना है कि खबर का असर भी अधिकारी, कर्मचारियों को होता है या नही..!




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