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सरकारी स्वास्थ्य विभाग को नकारा बताकर, ख़ुद के दवा में 3 से 7 दिन में कोरोना मरीजों को ठीक करने का दावा..! सारंगढ़ में लोगों को गुमराह कर जान से खिलवाड़ करके समान बेचने वाले दुकानदार के ख़िलाफ़ दर्ज हुआ शिकायत...

प्रदेश में जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क न पहनने के पुराने ढर्रे पर लोग वापस आ रहे हैं, यह बताने के लिए पर्याप्त है कि लोग कितने लापरवाह हैं। लोग खुद की जान तो जोखिम में डाल ही रहे हैं साथ ही समाज को भी खतरे के आगोश में लेने के लिए आमादा है।

एक चीज दिमाग खोलकर स्पष्ट तौर पर समझ लेना आवश्यक है कि कोरोना अभी न तो खत्म हुआ है तथा भविष्य में कब तक खत्म होगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसका मतलब यही है कि कोरोना का संकट अब अपने रौद्र रुप में अपनी अदृश्यता के साथ ही ताण्डव कर रहा है।

लोगों में पता नही कौन सी सनक सवार है कि उन्हें कोरोना से संक्रमण के बचाव के उपायों को धता बताने में कितना आनंद आ रहा है। लॉकडाऊन के बाद ऐसा लग रहा है मानों कोरोना का संकट खत्म हो गया हो। दिन-रात चौबीसों घण्टे सरकार, विभाग, विशेषज्ञ, टीवी चैनल चीख-चीख कर बतला रहे हैं कि कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त एहतियात बरतिए और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कीजिए। यहां तक कि मोबाइल फोन में कॉल करने पर वही एडवाइजरी हर क्षण सुनते हैं लेकिन लोग हैं तो मानने को तैयार ही नहीं हैं।।

देश की व्यवस्थाओं को सुचारू रुप से संचालित करने के लिए आवश्यक था इसलिए क्रमशः सभी गतिविधियां नियमानुसार शुरु की गईं किन्तु जिस प्रकार से नियमों की धज्जियां लोग एवं उपक्रमों के संचालनकर्ता उड़ा रहे हैं उससे ऐसा लगता ही नहीं है कि लोगों के जीवन का कोई महत्व है। धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों में आवागमन तो शुरु ही हो गया है और लोग एक जगह से दूसरी जगह आ-जा रहे हैं किन्तु न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं न ही मास्क का प्रयोग कर रहे हैं।

अनलॉक के साथ ही मास्क का प्रयोग करने वालों की संख्या मात्र 30 प्रतिशत हो गई है जो कि यह बताने के लिए पर्याप्त है कि लोग कितने संवेदनहीन तो हैं ही साथ ही मूर्खता की सीमाओं को भी लांघ रहे हैं। इसमें सभी हमाम में नंगे हैं चाहे आम नागरिक हों, व्यवसायी हों, सरकारी कर्मचारी, विभिन्न संस्थान हों या कि राजनीतिक क्षेत्र के लोग हों। न तो स्वास्थ्य सम्बन्धित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं न ही सोशल डिस्टेंसिंग का।

राजनि‍तिक पटल तो और ज्यादा बेशर्म है क्योंकि इन्हें अपना वोटबैंक साधने, चुनावी जाजम बिछाने के लिए चाहे कुछ भी करना पड़ जाए ये कभी नहीं मानने वाले हैं। जहां देखो वहीं नेता भीड़ जुटाकर अपने स्वार्थ साधने के लिए लोगों को मौत के मुंह में झोंकने के लिए तैयार हैं। इन लोगों ने चुनाव की तैयारी करनी शुरु कर दी तो कभी अपने आकाओं को खुश करने के लिए शक्ति प्रदर्शन, जयकारे लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

कोरोना वैश्विक महामारी में भी लोगों को ठगने से बाज़ नही आ रहे कुछ लोग:-

पूरी खबर रायगढ़ जिला के सारंगढ़ की है, जहां पर एक दुकान संचालक कोरोना पाजिटिव आये लोगो को अपनी दवाई बेच कर 3 से 7 में निगेटिव आने का ठगी कर लोगो के जान माल के साथ खिलवाड़ कर खुले आम दवाई बेच रहा है। वीडियो मे दुकान संचालक अस्पताल के ईलाज को बेवजह बता है, तथा वह अस्पताल के ईलाज को चुनौती देते हुए हाई डोज देकर लोगो को कमजोर होना बता रहा है।

एक सप्ताह कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट निगेटिव आने का कर दावा कर कर रहा लोगों को ठगी..!

वीडियो में दुकान संचालक के द्वारा कोरोना पाजिटिव मरीज को दवाई खिलाने पर तीन दिन निगेटिव आने का दावा किया जा रहा है। दुकान संचालक अपनी दुकान मे कई प्रकार के कोरोना को ठीक करने का दवाई होना भी बता रहा है।

कोरोना वायरस के ईलाज हेतू आज पुर विश्व एक साथ कोरोना वैक्सीन बनाने मे लगा है। भारत देश मे भी कोरोना वायरस के लिए कोई आधिकारिक दवाई की पुष्टि नही हुई है। लेकिन मुनाफा खोरो के द्वारा फर्जी दवाई बेचकर लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

दुकान संचालक के खिलाफ सारंगढ़ थाना में शिकायत दर्ज:-

लगातार लोगो को गुमराह कर रहे दुकान संचालक विरुद्ध सारंगढ़ थाना में शिकायत दर्ज कराई गयी है, जिसमे लिखा गया है की दुकान संचालाक नारायण चंद्रा के द्वारा कोरोना का दवाई बताकर आयुर्वेदिक ड्रॉप को बेचा है। उन्होने उक्त दावा को डॉक्टर को दिखाया जिस पर डॉक्टर ने कोरोना का अब तक दवाई नही आना बताया, जिसके पश्चात दोनो खरीददारों ने थाना पहुचकर उक्त दुकानदार के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग करी है।

बिना अनुमति के चल रहा दुकान, प्रशासन सोया है कुम्भकर्ण की नींद..!

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगर बात सच है तो दुकान संचालन के लिए नगर पालिका परिषद से किसी भी अनुमति नही ली गयी है, इस दुकान मे कई प्रकार के दवाई बेचे जा रहे किन्तु स्वास्थ्य विभाग कोई लायसंस इनके पास उप्लब्ध नही है, साथ खाद्य सामग्री बेचने के लिए खाद्य विभाग का कोई पत्र भी उक्त दुकान संचालक के पास उप्लब्ध नही है। बता दे की किसी भी प्रकार के नवीन दुकान स्थापना करने के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है, साथ ही वांछित दस्तावेजों के साथ एक निर्धारित शुल्क जमा कर अनुमती प्राप्त किया जाता है।

बिना मास्क के दुकान से समान बेचने पर सजा निर्धारित, लेकिन सारंगढ़ में कई दुकानदार बेचते हैं बिना मास्क के समान:-

कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर के द्वारा सख्त निर्देश जारी किया गया था जिसमे दुकान से समान बेचने वालो पर भी सजा का निर्धारण किया गया है जिसमे जुर्माना डण्ड तय है। लेकिन सारंगढ़ के दूकानदारों को न यो कूद की परवाह हैं न अपने ग्राहकों की।

क्या कहते है चिकित्सा अधिकारी

इस मामले सारंगढ़ बीएमओ डॉ जे.आर. घृतलहरे ने बताया की सारंगढ़ तो क्या पूरे विश्व मे कोरोना का कोई वैक्सीन नही आया है, इस तरह से लोगो को गुमराह करने वालो पर कार्यवाही होगी




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