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क्या पुराने वीडियो को शेयर कर कथित पत्रकार को बचाने की कोशिश....?पत्रकारों और पुलिस की लॉबी का मजा ले रहे सारंगढ़ वासी..!

पिछले 5 दिनों से पुलिस और पत्रकार विवाद में जमकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक गुट सारंगढ थाना प्रभारी का विरोध कर रहे है। तो दूसरा गुट एसडीओपी का विरोध कर रहा है। दोनों अधिकारियों के पक्ष और विपक्ष में लॉबिंग की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा की जांच के बाद ही सामने आएगा परंतु तब तक सोशल मीडिया में यह मुद्दा छाया रहेगा । इससे पुलिस की छवि जनता के बीच खराब होती रहेगी सारंगढ़ के पत्रकार भरत अग्रवाल ने एसडीओपी पर दुर्व्यवहार एवं गाली गलौज का आरोप लगाया है। और वीडियो वायरल किया गया है इस संबंध में यह बात छनकर सामने आ रही है कि है,जो वीडियो वायरल हुआ है।

 वह भरत अग्रवाल के बयान देने के समय का नहीं है भरत अग्रवाल ने कोई बयान ही नहीं दिया है। जो वीडियो छाया हुआ है वह किसी अन्य का है बदलाया जा रहा है कि वह वसूलीबाज को सबक सिखाने का पुराना वीडियो है। जिसे उचित अवसर देखकर वायरल किया जा रहा है। पुराना वीडियो को सहानुभूति बटोरने के लिए सुरक्षित रखा गया था जिसे सोची समझी चाल पर वायरल किया गया है । यह जांच करने के समय साबित हो सकता है अब देखना यह है कि तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के गृहमंत्री एवं पुलिस अधीक्षक आदेशों को प्रभावित करने के लिए उक्त एपिसोड बनाया गया है । ताकि इन लोगों के पीछेले आदेश से दिमाग हटाया जा सके जिस एपिसोड में सारंगढ़ के कुछ पत्रकार रायगढ़ के पत्रकारों का संघ किए हैं तो कुछ ने सारंगढ़ के पत्रकारों के साथ लाबिंग कर रहे हैं। यहाँ की स्थिति में सारंगढ़ थानेदार के भी एक पत्रकार गुट और एसडीओपी के एक गुट ऐसे में इन दोनों के अपने-अपने पत्रकार गूट है। जिससे सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है इसमें होना केवल इतना ही है कि पुलिस टीम पुलिस के इन दोनों अधिकारियों के चेहरे बदल दिए जाएंगे मगर इस विवाद में कितनी किरकिरी हुई है। और हो रही है इसे पान ठेले,दुकाने, होटलों में सुना जा सकता है।




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