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माराडोना को श्रद्धांजलि देने के लिए मेस्सी ने बदली थी जर्सी, लगा 600 यूरो का जुर्माना

डिएगो माराडोना को श्रृद्धांजलि देने के लिये अपनी जर्सी उतारने वाले लियोनेल मेस्सी पर 600 यूरो (720 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है. स्पेनिश फुटबॉल महासंघ की प्रतिस्पर्धा समिति ने रविवार को स्पेनिश लीग में ओसासुना पर बार्सीलोना की 4-0 से जीत के बाद यह जुर्माना लगाया. अर्जेंटीना के स्टार मेस्सी ने गोल करने के बाद बार्सीलोना की जर्सी उतारकर माराडोना के पुराने क्लब नेवेल्स ओल्ड ब्वायज की जर्सी पहनी. इसके बाद दोनों हाथ आसमान में उठाकर चुंबन दिया

मैच के बाद मेस्सी ने अपनी इस तस्वीर के साथ माराडोना की तस्वीर पोस्ट करके लिखा, ‘फेयरवेल , डिएगो.’ माराडोना का पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. महासंघ ने बार्सीलोना पर भी 180 यूरो का जुर्माना किया. मेस्सी को इसके लिये पीला कार्ड भी देखना पड़ा. वह और क्लब इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.


झुग्गी-झोपड़ी में हुआ था माराडोना का जन्म

माराडोना का जन्म 1960 में अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स के झुग्गी-झोपड़ियों वाले एक कस्बे लानुस में हुआ था. माराडोना सीनियर के आठ संतानों में माराडोना उनके पांचवें बच्चे थे. माराडोना का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा. उनके पिता आस-पास के गांवों घूम-घूमकर मवेशी बेचा करते थे. बाद में उन्होंने एक केमिकल फैक्ट्री में नौकरी की. माराडोना सिर्फ 15 वर्ष की आयु में ही सुपरस्टार बन चुके थे.

सिर्फ 22 साल की उम्र में बने दुनिया के सबसे महंगे खिलाड़ी

1982 में स्पेन के मशहूर क्लब बार्सिलोना ने अर्जेंटीना के इस स्टार खिलाड़ी के साथ 3 मिलियन पाउंड (करीब 30 करोड़ रुपये) में करार किया था. फुटबॉल जगत में इस करार से उस समय हलचल मच गई थी. किसी को भी उस समय यह विश्वास नहीं हुआ कि किसी खिलाड़ी को इतनी रकम भी मिल सकती है. 1982 के वर्ल्ड कप में दो गोल दागने वाले माराडोना का 1980 से 1990 के बीच पूरी तरह फुटबॉल जगत पर दबदबा था. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि साल 1984 में जब इटली के क्लब नेपोली ने माराडोना से करार किया तो उन्हें 5 मिलियन पाउंड (करीब 50 करोड़ रुपये) दिए गए.

पेले से होती थी तुलना

माराडोना ने 491 मैचों में कुल 259 गोल दागे थे. अर्जेंटीना को 1986 में विश्व कप विजेता बनाने वाले और 1990 में फाइनल तक पहुंचाने वाले माराडोना ने 91 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 34 गोल दागे. इतना ही नहीं एक सर्वे में उन्होंने पेले को पीछे छोड़ '20वीं सदी के सबसे महान फ़ुटबॉलर' होने का गौरव अपने नाम कर लिया था. हालांकि फीफा ने वोटिंग के नियम बदल दिए थे और साल 2001 में दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया था.






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