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कोल इंडिया ने रोका अधिकारियों का महंगाई भत्ता, कंपनी के 16 हजार अधिकारियों पर असर

लोक उद्यम विभाग ने 19 नवंबर को केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक उपक्रमों को एक पत्र जारी किया। इसमें कोविड 19 के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभाव का हवाला देते हुए महंगाई भत्ता रोकने को कहा गया। इस पत्र का हवाला देकर 17 दिसंबर को कोल इंडिया ने एक अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है।

कोल इंडिया की महाप्रबंधक(पीईई) तृप्ति पराग साव ने यह सर्कुलर एसईसीएल समेत सभी अनुषांगिक कंपनियों को जारी कर दिया है। कोल कर्मियों का महंगाई भत्ता परिवर्तनशील रहता है और प्रत्येक तीन माह में इसमें बदलाव किया जाता है। वर्तमान में 23.3 फीसद महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। आल इंडिया एसोसिएशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव के संयोजक पीके सिंह राठौर का कहना है कि संगठन डीए को पुन: बहाल कराने का प्रयास कर रही है। इसके लिए कोल इंडिया व कोयला मंत्रालय को पत्राचार किया गया है।

कोल इंडिया ने वैश्विक महामारी कोरोना का हवाला देते हुए कोयला अधिकारियों के महंगाई भत्ते(डीए) पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। इस निर्णय का कंपनी के 16 हजार अधिकारियों पर असर पड़ेगा। अकेले साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड(एसईसीएल) में तीन हजार अधिकारी शामिल हैं।

उम्मीद है कि प्रबंधन इस पर विचार कर अधिकारियों के हित में जल्द निर्णय लेगा। डीए रोकने से ग्रेड के अनुसार प्रतिमाह न्यूनतम ढाई हजार से अधिकतम आठ हजार स्र्पये तक नुकसान होगा। कर्मचारियों के डीए के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। यही वजह है कि श्रमिक संघ प्रतिनिधि अभी से इसका विरोध करने लगे हैं। 

सीटू के उपमहासचिव वीएम मनोहर का कहना है कि कोयला कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जनवरी 2021 में 2.8 फीसद वृद्धि होनी है। इसके बाद कर्मचारियों का भत्ता बढ़ कर 26.1 फीसद हो जाएगा। इसलिए कर्मचारियों पर यह निर्णय नहीं थोपा जाना चाहिए। उधर अधिकारियों का डीए स्र्कने के बाद कोल माइंस आफिसर्स एसोसियेशन व आल इंडिया एसोसिएशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव ने कोल इंडिया को पत्र लिख कर कर्मचारियों के डीए पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। दोनों पत्र को कोल इंडिया ने कोयला मंत्रालय को प्रेषित कर दिया है।




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