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खल्लारी : कमरे का ताला को तोड़कर 3 क्विंटल लाख की चोरी.

थाना खल्लारी अंतर्गत ग्राम खुटेरी में फार्म हाउस के कमरे का ताला को तोड़कर 3 क्विंटल लाख की चोरी होने पर मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि श्रवण कुमार शुक्ला ग्राम खुटेरी का उसका स्वंय का 02 ऐकड़ जमीन का एवं 03 ऐकड़ रेग जमीन में फ्लेमेंजिया सेमियालता और बेर वृक्ष का रोपन कर कुसमी लाख की खेती करता है.

श्रवण कुमार 13 जनवरी 2021 को 28 मजदुरो से बीज लाख की कटाई करवाया और साथ में नायलोन जाली में दाना लाख भरवाकर 45 कैरेट में फ्लेमेंजिया सेमियालता का बीज लाख डंडी सहित एवं ढाई कैरेट में जाली में भरा हुआ दाना लाख जो बीज के रूप में प्रयुक्त होना था उसे फार्म हाउस के एक कमरा में रखवाकर मजदुरो की छुट्टी कर कमरा में ताला लगाकर करीबन शाम 6.00 बजे घर चला गया.

इसके बाद जब वह 14 जनवरी 2021 के सुबह 7.00 बजे फार्म हाउस जाकर देखा तो कमरा का दरवाजा खुला हुआ था तथा ताला कुछ दुर में पडा हुआ था, दरवाजा का कुंदा मुडा हुआ था जहाँ कमरा अंदर रखे कैरेट अस्त-व्यस्त था जिसे मिलान करने पर 21 कैरेट में रखा फ्लेमेंजिया सेमियालता का बीज लाख एवं एक कैरेट में जाली में भरा हुआ दाना लाख कुल करीब 3 क्विंटल लाख कीमती करीब 60,000/-रूपये को किसी अज्ञात चोर द्वारा फार्म हाउस के कमरे का ताला को तोडकर अंदर प्रवेश कर चोरी कर ले गया है.

उसने बताया कि चोरी गये लाख को मिलने पर पहचान लेगा. मामले की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात चोर के विरुद्ध अपराध धारा 380-IPC, 457-IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.


लाख क्या है ?

आपको बता दें कि लाख (Lac) एक प्राकृतिक राल है जो मादा लाख कीट द्वारा मुख्य रुप से प्रजनन के पश्चा त स्त्राव के फलस्वरुप बनता है। लाख कीट की दो प्रजातियां होती हैं जिन्हें कुसमी और रंगीनी कहते हैं।

प्रत्येक प्रजाति से वर्ष में दो फसलें ली जाती हैं लेकिन पष्चिम बंगाल के कुछ समुद्री क्षेत्र के आस-पास बिलायती सिरिस पर एक वर्ष में तीन फसलें भी ली जाती हैं। लाख की खेती ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है। लेकिन अज्ञानता के कारण संसाधनों का उपयोग नहीं हो रहा है।

लाख उत्पादक क्षेत्रों में भी आधुनिक तकनीकी ज्ञान न होने के कारण उत्पादन उतना नहीं हो रहा है जितना हो सकता है। लाख की खेती के लिए मुख्य पोषक वृक्षों/ पौधों में कुसुम, पलास, बेर एवं सेमियालता का नाम प्रचलित है।

इसके अलावा भी कई अन्य वृक्षों/ पौधों जैसे एकेसिया ऐरेबिका, ग्रेविया, अल्बीजिया ल्युसिडा, अल्बीजिया प्रोसेरा, सोरिया रोबस्टा, सोरिया तालुरा, कजानस कजन पर लाख का उत्पादन किया जाता है परन्तू इन वृक्षों या पौधों पर लाख का उत्पादन वाणिज्यिकी रुप से बहुत महत्वपूर्ण नहीं है।

लाख पोषक वृक्षों में कुसुम (श्लेरइचेरा ओलिओसा) वृक्ष का स्थान सर्वोत्तम है एवं इससे लाख की उत्पादकता भी अच्छी होती है। कुसुम के वृक्षों पर रंगीनी प्रजाति के लाख कीट का पालन नहीं किया जाता है, अतः रंगीनी एवं कुसमी लाख कीट में भेद करने के लिये यह एक अच्छा वृक्ष है।

इस वृक्ष पर ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों मौसम के लाख कीट को पाला जा सकता है। रंगीनी लाख कीट की तुलना में कुसमी लाख कीट नजदीक-नजदीक बैठते हैं एवं इनकी लाख उत्पादन क्षमता रंगीनी के मुकाबले अधिक होती है।

कुसमी लाख से अगहनी (शीतकालीन) और जेठवी (ग्रीष्मकालीन) फसल क्रमशः जून-जुलाई से जनवरी-फरवरी तथा जनवरी-फरवरी से जून-जुलाई तक की होती है। सामान्य परिस्थिति में कुसुम वृक्ष पर कुसमी कीट की उत्पादन क्षमता छः माह की फसल में 7-8 गुनी होती है जिसका तात्पर्य है कि एक कि. ग्रा. बीहन लाख लगाने से 7-8 कि.ग्रा. बीहन का उत्पादन आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

कुसुम वृक्ष आकार में काफी विशाल होते हैं। सामान्यतः एक औसत आकार के वृक्ष पर 5 से 8 कि.ग्रा. बीहन लाख की आवश्यकता होती है जिससे छः माह पश्चात 35-60 कि.ग्रा. बीहन लाख प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि लाख की खेती एक अच्छा एवं फायदेमंद व्यवसाय है।






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