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मुझे न्याय चाहिए अवस्थी सर : प्रवीण थॉमस

सारंगढ़ एसडीओपी जितेंद्र खूंटे और पत्रकार प्रवीण थॉमस से जुड़े मामले पर जांच प्रक्रियाधीन है जिसमे पत्रकार प्रवीण थॉमस न्याय की गुहार लगा रहे है ।दरशल विगत दो-तीन महीनों से एसडीओपी जितेंद्र खूंटे के विरुद्ध पत्रकार प्रवीण थॉमस उनसे हुए अभद्रता और मारपीट की धमकी को लेकर पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं ताकि उनके साथ हुए अभद्रता और मारपीट की धमकी पर एसडीओपी के खिलाफ मामला दर्ज हो, साथ ही उनपर विभागीय कार्रवाई हो सके ।

बता दे प्रवीण के द्वारा रायगढ पुलिस अधीक्षक ,पुलिस महानिदेशक के समक्ष एसडीओपी जितेंद्र खूंटे के विरुद्ध उनके साथ हुए अश्लील गाली गलौज मारपीट की धमकी के सम्बंध में शिकायत पत्र दिया गया है जिसमे महज कागजी कार्रवाई की जा रही है शिकायत के बाद महीने बीत गए न तो जांच पूरी हुई है और न ही प्रवीण को न्याय मिल पाया है ।जबकि पुलिस महानिदेशक के द्वारा लगातार अपने कार्य मे लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई किया जा रहा है, जिससे विभाग के अफसरों में भय का माहौल है ।ऐसे में पत्रकार प्रवीण थॉमस भी इस आस में है कि उनके मामले पर भी एसडीओपी जितेंद्र खूंटे के विरुद्ध कार्रवाई हो और उन्हें न्याय मिले ।लेकिन ऐसा नही हो रहा ।

बताते चले कि प्रवीण ने उनके साथ हुए अभद्रता और मारपीट की धमकी सम्बन्धित पुख्ता सबूत भी पुलिस महानिदेशक के द्वारा चलाये जा रहे अभियान समाधान सीजी पुलिस में दिया है, साथ ही रायगढ में भी जांच अधिकारी के समक्ष एक पेनड्राइव में घटना का ऑडियो वीडियो दे दिया गया है।अब देखना ये है कि प्रार्थी पत्रकार प्रवीण थॉमस को पुलिस न्याय दिलाएगी या फिर एक पुलिस अफसर को अभयदान दे दिया जाएगा ?

प्रवीण कहते है कि उन्हें सारंगढ़ थाना प्रभारी के चेम्बर में फोन के माध्यम से बुलाया गया जहां एसडीओपी जितेंद्र खूंटे और उपनिरीक्षक कमल किशोर पटेल मौजूद थे ।बताया कि थाना प्रभारी के चेम्बर घुसते ही वहां बैठे एसडीओपी जितेंद्र खूंटे ने अभद्रता चालू कर दी और गंदी गन्दी गाली देते हुए पटक पटक मारपीट करने की धमकी देने ऐसे में जब उनके अभद्रता का विरोध किया तो धौंस दिखाने लगे ।कहने लगे तू एसडीओपी के बारे में छापेगा तेरी इतनी हिम्मत तेरी पूरी पत्रकारिता निकाल दूंगा। गालियों के साथ मेरे पत्रकारिता पर सवाल उठाने लगे ।और उनसे वह भी सहन नही हुआ तो मुझे थाने के बंदी गृह के पास बैठा दिया गया ।जबकि मैंने कोई गुनाह किया ही नही था ।हालांकि मुझे पहले से यह शक था कि मेरे साथ कुछ ऐसा ही अभद्रता या धमकी सम्बन्धी कुछ घटना होने वाला है मैंने पूरी घटना की ऑडियो वीडियो चुपके से बना लिया जो मेरे लिए जरूरी था जिसपर मैं आगे कदम बढ़ा सकता था ।

उस घटना की जानकारी जब मेरी माँ को हुई तो वो डर गई कहने लगी तू कही चला जा नही तो तेरे को किसी झूठे केश में फंसा दिया जाएगा इस डर से मैं ज्यादातर घर से बाहर रहने लगा डर के शाये में दिन बीत रहे थे ।हालाकि इसकी जानकारी मैंने पुलिस अधीक्षक को दे दी थी उन्होंने आश्वासन दिया जांच कराने की कुछ दिन बीत गए जब मौखिक आश्वसन पर कार्रवाई नही हुई तो मैंने एक शिकायत आवेदन भी दिया जिसमें उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जांच कराए जाने के निर्देश दिए ।मेरे शिकायत पर मेरा और मेरे गवाह का बयान लिया गया जिसमें उपनिरीक्षक कमल किशोर पटेल का भी कथन लिया गया ।

न्याय नही मिलने और एसडीओपी को बचाने की पूरी तैयारी होने के संदेह में मैने पुलिस महानिदेशक के द्वारा चलाये जा रहे अभियान समाधान सीजी पुलिस में आवेदन दिया जिस आवेदन पर रायपुर पुलिस मुख्यालय से एक पत्र रायगढ पुलिस अधीक्षक के नाम भेजा गया जिसमें तीन दिवस के अंदर जांच कर प्रतिवेदन भेजने का जिक्र था तभी मुझे जानकारी हुआ कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायगढ के द्वारा जांच प्रतिवेदन जमा करवाया गया है ।लेकिन मेरे लिए दुर्भाग्य की बात रही कि उसमे भी एसडीओपी को बचाने के लिये मेरे द्वारा रिकार्ड किये गए ऑडियो वीडियो की आवाज की जांच करवाने के पश्चात ही आगे मामले में कार्रवाई होने की बात आई फिर भी मैंने उनके द्वारा मुझे रिकार्डिंग की गई ऑडियो वीडियो एक पेनड्राइव में रायगढ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में जप्ती करवाने कहा गया जो कि मैंने 13 फरवरी को जाकर दे दिया है ।

वही पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायगढ के द्वारा प्रतिवेदन DGP कार्यलय रायपुर में पेश कर दिया गया है जिसमे एसडीओपी जितेंद्र खूंटे के द्वारा पत्रकार प्रवीण थॉमस को अभद्र अश्लील गाली गलौज और मारपीट करने की धमकी का आरोप सिद्ध पाया गया है हालांकि एसडीओपी जितेंद्र खूंटे का कहना है प्रवीण थॉमस के द्वारा उनके खिलाफ तोड़ मरोड़ कर ऑडियो वीडियो दिया गया जिसमें उनकी आवाज नही है इसके लिए जितेंद्र खूंटे के द्वारा एक आवेदन भी किया गया है ऐसे में अब वाइस टेस्टिंग की प्रक्रिया होनी है और कब तक होगी यह कह पाना मुश्किल है ।अब देखना लाजमी है कि प्रवीण को न्याय मिलेगा या फिर पुलिस अधिकारी को अभयदान मिल जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।बहरहाल अब इस मामले में महत्वपूर्ण वाइस टेस्टिंग होने का इन्तेजार है ।




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