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'छक्का' लगाकर दोहरा-तिहरा शतक पूरा करते थे सहवाग, अब बताया इसके पीछे का मजेदार 'लॉजिक'

टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हमेशा अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने गए. स्थिति कैसी भी हो सहवाग हमेशा टीम को तेज शुरूआत देते थे. बड़ी बात यह है कि शतक बनाने के करीब पहुंचने पर भी सहवाग की तेजी बरकरार रहती थी. वह कभी भी गेंदबाजों के दबाव में नहीं आते थे. सहवाग हमेशा कोशिश करते थे कि वह बाउंड्री लगाकर ही अपना शतक पूरा करे. अपनी बल्लेबाजी के दम पर सहवाग ने भारतीय टीम को कई मैच जिताए. अब खुद सहवाग ने बताया है कि छक्का लगाकर वह अपना शतक क्यों पूरा करते थे और इसके पीछे क्या लॉजिक था.

सिंगल लेकर क्यों दोहरा या तिहरा शतक नहीं लगाया?- सौरव

एक टीवी कार्यक्रम में आए सहवाग से टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सवाल किया, ''जब आपने तिहरा शतक लगाया तब आप 95 से शतक पर छक्का मारकर गए, 195 थे तब आपने छक्का मारकर दोहरा शकत पूरा किया और जब 295 थे तब भी आपने छक्का मारकर तिहरा शतक लगाया. ऐसे क्यों? सिंगल लेकर क्यों दोहरा या तिहरा शतक नहीं लगाया?''

सिंगल लेता तो 6 गेंद खेलनी पड़ती. 6 बार ही आउट होने के चांस रहते- सहवाग

इसपर सहवाग कहते हैं, ''अगर सिंगल लेता तो 6 गेंद खेलनी पड़ती. 6 बार ही आउट होने के चांस रहते. इसलिए मैंने छक्का मारा. क्योंकि एक ही बार चांस मिलता है.'' उन्होंने कहा, ''जब आप 95 पर खेल रहे होते हैं तो आपको गेंदबाज का भी पता होता है और विकेट का भी. ऐसी स्थिति में आत्मविश्वास होता है कि मैं जो चाहे कर सकता हूं.''

सचिन ने क्यों कहा मैं तुझे बैट से मारूंगा?

सहवाग ने बताया, ''100 से 120 तक मैंने दो तीन छक्के मारे थे. तब सचिन तेंदुलकर ने आकर बंद करवा दिए. उन्होंने कहा था कि अगर इस बार तूने छक्का मारा तो मैं तुझे बैट से मारूंगा, क्योंकि इससे पहले जब मैं मेलबर्न में 195 रन पर खेल रहा था तो छक्का मारने की कोशिश में आउट हो गया था.'' सहवाग की इस बात पर पूर्व गेंदबाद जहीर खान ने कहा, ''जब ये आउट होकर ड्रेसिंगरूम में आया तो इसको ये दुख नहीं था कि मैं 195 पर आउट हो गया. इसको ये दुख था कि मेरा छक्का मिस हो गया.''

 






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