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में दारू पिये बिना नई राह सकों, 4 तारीख के मोर रिटायरमेंट है..जोन लिखिहा ओला डंडा से पिटाई करहुँ - अजित सिदार

सारंगढ़ वासी जिनके भरोसे बैठे हैं वो पव्वा लेकर बैठे हैं..! हाथियों का आतंक दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त होते जा रहा है जनता घर से निकल नही पा रहे है 4 दिनों में लगातार हाथियों ने 2 लोगो को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है, जिससे चारों तरफ भय व्याप्त है। इस बीच मे ग्रामीणों का हौसला जिस विभाग पर केंद्रित है वहां के अधिकारी तो पी के टुन्न हैं।

जी हां हम बात कर रहे फॉरेस्ट विभाग का जिनके अधिकारी खुद का खयाल नही रख पा रहे और शासन ने उनको लोगो के जान को बचाने की जिम्मेदारी सौपी है।

सारंगढ गोमर्डा अभ्यारण्य के रेंजर अजितराम सिदार कटेली गांव के पास बैठकर शराब पीते हुए दिखे रेंजर साहब की बातें कॉल रेकॉर्डिंन में सुन सकते है जिस सम्बन्ध में सारंगढ के पत्रकार ने जब दूरभाष के माध्यम से वर्जन लेना चाहा तो रेंजर साहब का कहना था की --मैं शराब बिना पिये नही रह सकता मेरा 4 मार्च को रिटायर्ड होने वाला हु जो छापना है छाप दो मेरा क्या कर लोगे तुमलोग जो छापना है छाप दो और तुमलोगो को डंडा में ढोंकूँगा!

गुनाह कानून के नज़र में गुनाह होता है चाहे नॉकरी एक दिन बचे या 4 दिन.. हमें सिदार के शराब सेवन से कोई आपत्ति नही है लेकिन जब पूरा क्षेत्र हाथी के दहशत में है और जब उक्त कटेली गाव में ही हाथी पाए जाने की खबर मिल रही है तब उनका के कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। और अपराधी को सज़ा मिलनी ही चाहिए ये हम नही सभी बच्चे से लेकर बुजुर्ग कह रहे हैं क्योंकि सबको अपनी जान और परिवार की चिंता रहती है।

ऐसे शब्दों से रेंजर साहब पेश आ रहे है बताये भला कलेक्टर साहब और dfo साहब ऐसे अधिकारी को वन्य अभ्यारण की जिम्मेदारी क्यों सौपे है। अब ये शराबी बाबू अपनी सुरक्षा नही कर सकते ये हाथी से लोगो को क्या बचाएंगे अब देखना लाजिमी होगा की शराबी रेंजर के ऊपर कार्यवाही होती है या अभयदान मिलता है। फिलहाल ऐसे कर्मचारियों से वन विभाग जरूर शर्मसार हुवा है।

कॉल रिकॉर्डिंग :-सारंगढ रेंजर अजितराम सिदार, निचे दिए लिंक से ऑडियो सुने  

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