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हथिनी की चिंघाड़ से थर्राए ग्रामीण, नवजात की सुरक्षा और भोजन-पानी के लिए घूम रही

पिथौरा समीप के वनमंडल बलौदाबाज़ार के अंतर्गत बारनवापारा अभ्यारण क्षेत्र के समीप कोठारी परीक्षेत्र अंतर्गत सप्ताह भर पूर्व एक मादा हाथी ने एक बच्चे को जन्म दिया है. अब उक्त हथिनी अपने बच्चे की सुरक्षा एवं भोजन पानी के लिए आसपास घूम रही है. भूख में कभी-कभी इस हथिनी की चिंघाड़ भी ग्राम तक पहुंच रही है जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है. जानकारी के अनुसार कोठारी वन परिक्षेत्र कार्यालय के समीप से अचानकपुर मार्ग पर बया-कसडोल मुख्य मार्ग से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर एक मादा हाथी ने करीब सप्ताह भर पहले एक बच्चे को जन्म दिया है. जिसके कारण उक्त मादा हाथी पूरे जंगल में चिंघाड़ मार रही है. हथिनी की चिंघाड़ से कोठारी के ग्रामीण भारी भयभीत हैं. अपने घरेलू कार्य से भी वे डरकर जंगल की ओर नहीं जा पा रहे हैं.

ज्ञात हो कि इस समय जंगल में लकड़ी कटाई का समय है जिससे क्षेत्र में भारी मात्रा में बांस एवं अन्य प्रजाति की लकड़ियों की भारी मात्रा में शासकीय कटाई की गई है. जिसे जंगल से निकालकर स्थानीय वन काष्ठागार में परिवहन किया जाता है पर मादा हाथी के बच्चे देने से ग्रामीणों के साथ वन अमला भी भयभीत है. ज्ञात हो गई विगत कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में भारी मात्रा में जंगली हाथी आ रहे हैं. जिसके चलते यदा-कदा दिन में भी सड़क पर गांव के आसपास हाथी दिखाई दे जाते हैं. क्षेत्र में करीब 30-40 हाथी विचरण कर रहे हैं. क्योंकि यह क्षेत्र बांस से भरपूर क्षेत्र है और जंगल के भीतर पानी की पर्याप्त मात्रा में होने से जंगली हाथी यहीं पर डेरा डाल दिए हैं. जिससे आएदिन ग्रामीणों का हाथियों से सामना होते रहता है.

एक हाथी करंट से मारा गया था

विगत छह माह पूर्व पिथौरा वन परिक्षेत्र में ही परिवार बढ़ाकर अपने कॉरिडॉर में रहने वाले हाथी परिवार का एक हाथी विद्युत करंट से मारा गया था. बाद अपने मासूम शावक को लेकर जिस तरह हथिनी वापस ओड़िशा की ओर भागी थी उस दृश्य को देखकर ग्रामीणों की आंखे भर आईं थी. अब पुनः हाथियों के परिवार में एक सदस्य की वृद्धि हुई है. एक ओर हाथी परिवार अपने नए मेहमान का पालन-पोषण करने कुछ भी करने तैयार है वहीं जंगलों से हाथियों के भोजन के फल-फूल का दोहन लगातार हो रहा है जिससे मानव हाथी द्वंद की संभावना बढ़ गई है.




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