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गुणवत्ताहीन पीपीई किट मिलने से नाराज़ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल... 15 अप्रेल तक मांग नही हुई पूरी तो आपातकालीन सेवाएं भी नही देंगे

गुणवत्ताहीन पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स मिलने से नाराज़ अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। उन्होंने चेताया कि अभी तो यह क्रमिक हड़ताल है अगर मांग नही मानी गई तो 15 से आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी।जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉक्टर इंद्रेश ने कहा एक वर्ष से सभी रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना इलाज में अपनी सेवाएं रहे हैं। प्रशासन के पास पर्याप्त समय होने के बावजूद इस महामारी से लड़ने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किये गये। इसका हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हममें से बहुत से डॉक्टर खुद संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन हमें गुणवत्ताहीन पीपीई किट , मास्क और सर्जिकल ग्लव्स पहनकर कोरोना ड्यूटी के लिए मजबूर किया जाता है।

छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा संचालक को ज्ञापन सौंप कर कहा कि वे आज से कोरोना और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर शेष कार्यों को बंद कर रहे हैं। उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 15 अप्रैल से आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी। और अगर इसके बाद भी मांगे नही मानी जाती तो फिर 18 अप्रैल सुबह 8 बजे से सभी जूनियर डॉक्टर कोविड ड्यूटी भी छोड़ देंगे।आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का अनुबंध दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष करने किया जाएं। ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के लिए प्रदेश भर में एक समान 95 हजार रुपए का स्टाइपेंड प्रदान किया जाए। छात्रवृत्ति बढ़ाकर इंटर्न डॉक्टर को 20 हजार , पीजी डॉक्टर प्रथम वर्ष को 80 हजार और पीजी डॉक्टर द्वितीय और तृतीय वर्ष को 85 हजार रुपए दिये जाएं। कोरोना ड्यूटी वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाए रेजिडेंट डॉक्टर को 10 हजार, पैरामेडिकल स्टाफ को 500 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 200 रुपए दिया जाएं।




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