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कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट गौधन न्याय योजना का जशपुर जिले में उड़ी धज्जियां... नगरपंचायत सीएमओ के तानाशाह कार्यप्रणाली पर मौन

जशपुर जिला मे बघेल सरकार व कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट गौधन न्याय योजना का जशपुर जिले में धाज्जियां उड़ाते हुवे गोबर खरीदी बंद कर दिया गया है।इस लापरवाही में न प्रशासन-शासन ध्यान दे रहा और न ही कोई जनप्रतिनिधि निराकरण का उपाय लगा रहा जबकि यहां अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों कांग्रेस समर्थित है और नगरपंचायत सीएमओ के तानाशाह कार्यप्रणाली पर मौन भी।ज्ञात हो कि बगीचा नगरपंचायत में इन दिनों गौधन न्याय योजना का मख़ौल खुले आम उड़ाया जा रहा है।नगर पंचायत सीएमओ की लापरवाही व अनदेखी के कारण यहां गोबर खरीदी बंद है।यहाँ स्थित गौठान में किसानों से गोबर खरीदी का समुचित व्यवस्था स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया गया है,जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नगरपंचायत बगीचा को जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है।बताया जा रहा है यहाँ बिते कुछ दिनों से गोबर खरीदी बंद है,गोबर खरीदी नहीं किये जाने के पीछे तुक कांटा(तराजू) का खराब होना बताया जा रहा है।इस मामले पर जब जनपद पंचायत सदस्य विपिन सिंह ने जानकारी लिया तो नगरपंचायत सीएमओ ने बताया कि एक कृषक के द्वारा गोबर बिक्री करते समय गोबर बोरा सहित तराजू पर डाल दिया गया जिससे तराजू खराब हो गया है

।कृषक को तराजू बनाने निर्देशित किया गया है,जैसे ही तराजू बन जायेगा गोबर खरीदी प्रारंभ हो जाएगा।सीएमओ ने इतना तक कहा कि मेंटेनेंस के लिये उनके पास फंड नहीं है,बिते दिनों यहां खरीदी किये गये गोबर एक जगह एकत्रित हो गये थे जिन्हें जेसीबी व अन्य संसाधनों से हटाया गया इस कार्य मे 5 हजार रुपये खर्च हुवे हैं,जिसका भरपाई गोबर बेचने आने वाले कृषकों से किया जाना है उक्त भरपाई अभी तक नहीं हो सका है।उक्त जवाब सुन जनपद पंचायत सदस्य विपिन सिंह नाराज हुवे पर नगरपंचायत सीएमओ के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिया है। सिंह ने कहा कि गरीब व भोले भाले किसानों को यहाँ गोबर के नाम पर प्रताड़ित किये जाने का योजना दिख रहा है,सीएमओ के इस कथन का वे निंदा करते हुवे मांग कर रहे हैं कि भोले भाले किसानों पर गोबर बिक्री के बाद खराब तराजू व गोबर हटाने के लिये संसाधन के खर्च का भार अनावश्यक न डाला जाये।शासन ने गौठान का निर्माण करा गोबर खरीदी का प्रक्रिया प्रारम्भ किया है तो यहां इसके मेंटेनेंस व देखभाल की जिम्मेदारी क्रियान्वयन एजेंसी का होना चाहिये न कि भोले भाले गरीब किसानों का।श्री सिंह ने मांग किया है कि किसानों के ऊपर से यह आवश्यक भार हटा ज्याहं जल्द ही गोबर खरीदी प्रारंभ किया जाये, ताकि क्षेत्र के किसान उनके द्वारा एकत्रित किये गए गोबर का बिक्री समय पर कर सकें।




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