news-details

शासकीय परमिशन वाले दुर्घटनाग्रस्त कार में मिला भारी मात्रा में संदिग्ध मांस..! गौ मांस होने की आशंका से जनमानस में आक्रोश..

गुरुवार की रात रायगढ़ शहर के समीप झलमाला के पास सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में टमाटर से लदे पिकअप और एक स्विफ्ट कार में भिड़ंत हो गई। घटना रात 10:30 से 11:00 के बीच की बताई जा रही है। इस दुर्घटना में जान की तो हानि नहीं हुई एक चौंकाने वाली बात सामने आई। दुर्घटनाग्रस्त कार में भारी मात्रा में संदिग्ध मांस मिला है। मांस को गौ मांस की होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में प्रतिबंधित मांस की तस्करी की भी आशंका है।

इस मामले में जूटमिल चौकी पुलिस का कहना है दुर्घटनाग्रस्त होने पर मौका ए वारदात पर जूट मिल चौकी पुलिस पहुंची थी। घटनास्थल देखने पर लगता है कि पिकअप और कार की आमने सामने से टक्कर हुई थी। घटना में किसी जनहानि की खबर नहीं आई है। कार से संदिग्ध रूप से काफी मात्रा में मांस बरामद हुआ है। जिसे टेस्ट के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते है कर मालिक उमेश मतानी-

कार मालिक उमेश ने कहा इस बारे में हमें जानकारी मिली की दुर्घटनाग्रस्त स्विफ्ट डिजायर कृष्ण वाटिका रायगढ़ निवासी उमेश कुमार मतानी की है। घटना के बारे में कार मालिक उमेश ने मीडिया बताया कि उसकी मोहम्मद अकबर निवासी इंद्रा नगर से पिछले 5 सालों से परिचय है। अमृत मिशन कार्य में किसी इमरजेंसी कार्य के लिए वह उनसे उनकी कार को कल दोपहर 12:00 बजे राउरकेला उड़ीसा जाने के लिए मांग के ले गया था। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वह उनकी गाड़ी से ऐसा पाप करने वाला है। अगर उन्हें जानकारी होती तो वे कभी भी अपनी गाड़ी नहीं देते। अकबर अभी फरार है। जूट मिल चौकी पुलिस को भी इस बात की जानकारी है।

अमृत मिशन ठेका कम्पनी ने किया इनकार-

इस मामले में मीडिया ने अमृत मिशन काम संभाल रहे ठेका कंपनी से पूछा तो उन्होंने ऐसे किसी भी कार्य से साफ इनकार कर दिया। और जब गाड़ी में लगे परमिशन के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने इस पर से भी स्पष्ट मना कर दिया।

ऐसे में देखा जाए तो पूरा का पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। दुर्घटनाग्रस्त कार के मालिक के बयान, अमृत मिशन के ठेका कंपनी का बयान और गाड़ी में मिले संदिग्ध मांस कहीं ना कहीं एक तस्करी की तरफ इशारा कर रहे हैं। कार चालक मोहम्मद अकबर का फरार होना भी मामले को संदिग्धतता की ओर इशारा कर रहा है।

परमिशन लेटर बना कौतूहल का विषय-

गौ मांस बेचना और गौ तस्करी दोनों ही प्रतिबंधित है और अपराध के तहत आते हैं। इस दुर्घटना ने एक बड़े अवैध रूप से प्रतिबंधित मांस व्यापार के तस्करी को सामने पटल पर ले आयी है। और सबसे बड़ी बात इस तस्करी में एक आईएएस अधिकारी के दस्तखत किए हुए पत्र प्रयोग हुआ है ताकि लॉकडाउन में कोई रोक-टोक ना हो। आखिर यह पत्र उसके पास आया कैसे..? इस पत्र में कितनी सच्चाई है और यह कितना फर्जी है..? यह भी एक जांच का विषय है। ऐसे फर्जी परमिशन लेटरो के सहारे क्या और भी कई तस्करी और प्रतिबंधित कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है..!




अन्य सम्बंधित खबरें