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बिजली के सरप्लस राज्य में ये है स्थिति दयनीय.... 5 हजार उपभोक्ता, फीडर 4, 50 गांव और लाइनमैन की संख्या

बरमकेला-छत्तीसगढ़ देश में बिजली उत्पादन के मामले में अव्वल नंबर पर है। यहां रोजाना लगभग 20 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। राज्य में सैकड़ों छोटे-बड़े बिजली घर हैं, यहां थर्मल और हाइड्राल दोनों ही सिस्टम से बिजली पैदा होती है। छत्तीसगढ़, देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां सरप्लस बिजली है मतलब खपत से ज्यादा। आमतौर पर तमाम राज्य बिजली उत्पादन और खपत के मामले में केंद्र सरकार के पावर ग्रिड और NTPC पर निर्भर हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के खुद पावर जनरेशन के आधा दर्जन मेगा प्लांट हैं। दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, आंधप्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों को छत्तीसगढ़ की सरकार बिजली बेचती है, बावजूद इसके छत्तीसगढ़ बिजली कंपनी कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। कंपनी से हर साल सैकड़ों कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं पर नई भर्तियां नहीं हो रही। इसका असर ग्रामीणों पर पड़ रहा है। इसी तरह की परेशानी से इन दिनों छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के लोग गुजर रहे हैं। करीब 5 हजार बिजली उपभोक्ता, 4 फीडर और लाइनमैन की संख्या “0”। यह बदहाल तस्वीर है बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत डोंगरीपाली सब स्टेशन की। यहां पर लगभग पिछले चार महीनों से लाइनमैन नहीं है। इससे बिजली फॉल्ट होने पर कई कई दिनों तक बिजली नहीं आती। परिणामस्वरूप विद्युत उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद बिजली विभाग के अधिकारी एक अदद लाइनमैन की व्यवस्था करने के लिए कोई कवायद नहीं कर रहे हैं।
लेंध्रा वितरण केंद्र में एई का पद भी खाली:-

डोंगरीपाली सब स्टेशन से 15 किमी दूर स्थित लेंध्रा वितरण केंद्र में कनिष्ठ यंत्री का पद भी खाली पड़ा हुआ है। यहां एई नहीं होने के कारण डोंगरीपाली फीडर को बरमकेला सब स्टेशन पर आश्रित रहना पड़ता है। डोंगरीपाली सब स्टेशन में विद्युत वाहन भी नहीं है। वहीं लेन्धरा सब स्टेशन में कनिष्ठ यंत्री नियुक्त नहीं होने के कारण लेन्धरा सब स्टेशन के वाहन का परिचालन भी कनिष्ठ यंत्री बरमकेला के निर्देशानुसार होता है। इससे समझ सकते है कि क्षेत्र के लोग किन परिस्थितियों से गुजर रहे।

अनदेखी की सजा भोग रहे क्षेत्र के रहवासी:-

वर्तमान में प्रतिदिन लगातार हर घंटे बिजली गुल होने व कई बार दिन भर लाइट बंद रहने की वजह से क्षेत्र की जनता पूरी तरह से परेशान है। मई महीने की झुलसती गर्मी में इस तरह बार-बार बिजली गुल हो जाने से आम जनता व किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इनकी समस्याओं को दूर करने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा।
कुंडली मार के बैठे अफसर ध्यान नहीं दे रहे: इस समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय ग्रामीण बिजली विभाग के अफसरों को कई बार आवेदन दे चुके। अधिकारी लाइनमैन की व्यवस्था करने का आश्वासन तो देते हैं पर रायगढ़ जिला मुख्यालय व सारंगढ़ डिवीजन में कुंडली मार कर बैठे अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।




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