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"वैक्सिन है पूर्ण सुरक्षित"..रायगढ़ में 4 लाख से अधिक लोगों ने लगवाया है कोरोना का टीका

जिले में 4 लाख लोगों से अधिक लोगों ने कोरोना का टीका लगा लिया है। इसी प्रकार पूरे प्रदेश में 43 लाख से अधिक लोगों को कोविड का टीका लग चुका है। इसमें हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ ही फ्रंट लाइन वर्कर्स भी शामिल हैं। जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इतने व्यापक स्तर पर टीका लगाया जा रहा है। अत: इसको लेकर अब किसी प्रकार की अफवाह या भ्रांतियों से दूर रहते हुए टीकाकरण कराना चाहिए।


सीएमएचओ डॉ.केशरी ने बताया कि कोविड टीकाकरण के अंतर्गत टीके के 2 डोज लगाए जाते हैं। कोविशील्ड टीका लगाया गया है तो पहला डोज लेने के 42 दिनों के बाद दूसरा डोज लगाना होता है और यदि को-वैक्सीन का टीका लगवाया गया है तो 28 दिनों के बाद दूसरा डोज लेना होता है। कोविड-19 की वैक्सीन ऐसी है, जिनमें दोनों खुराक लेने पर ही यह पूरी तरह से असरदार होगी। जब पहली खुराक लगती है तो वह शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय कर एंटीबाडी बनाती है। किन्तु इसकी मात्रा सीमित होती है। इसलिए जब टीके का दूसरा डोज लगता है तो पहले से बने एंटीबाडी की संख्या में वृद्धि होती है तथा उसकी गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।

 जिससे वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता को ज्यादा मजबूती मिलती है। अत: टीके का पहला डोज लगाने के बाद निश्चित समय में दूसरा डोज जरूर लगवाना चाहिए। कोरोना की इस घातक लहर के बीच भी हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स इतनी मुस्तैदी से काम कर पा रहे हैं उसके पीछे टीकाकरण की सबसे अहम भूमिका है। टीका लगने के बाद भी उन्हें संक्रमण हुआ तो उन्हें न के बराबर लक्षण आये, वे बहुत तेजी से रिकवर हुए और संक्रमण का आगे विस्तार भी नही हुआ। सिर्फ कल्पना किया जा सकता है जहां इतने बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कितने कठिन हालातों में काम करना पड़ रहा है, ऐसे में इतने बड़े वर्क फोर्स में संक्रमितों की संख्या कम रही और वे भी अपेक्षाकृत तेजी से रिकवर हुए है तो ऐसे में कहा जा सकता है कि टीकाकरण ने इस वायरस के खिलाफ उन्हें एक मजबूत कवच दिया है।




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