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छत्तीसगढ़- जगंल में 52 परियों का चल रहा था खेल..। जुआरियों को सबक सिखाने सरपँच के साथ लाठी डंडा लेकर पहुंच गये ग्रामीण…

कोरबा – कोरबा जिलान्तर्गत ग्राम तुमान राम भाटा में जुआड़ियों द्वारा जुआ खेलने का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ग्राम लबेद के सरपंच द्वारा 10/05/2021 कोरबा कलेक्टर को उपरोक्त उल्लेखित संदर्भ में लिखित शिकायत किया गया है आवेदन में 200 लोगो द्वारा जुआ खेलने का दावा भी किया गया है लेकिन यह शिकायत भी सुनियोजित प्रतीत होता है कयास लगाए जा रहे है सरपंच के शिकायत के आड़ में कुछ और तो नही है, साथ ही इस तरह के मामलों में पुलिस की व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है  ऐसे मामलों पर कार्रवाई की आवश्यकता है लेकिन साथ ही कई बिंदुओं पर प्रश्न भी खड़े हो गए हैं , गांव में 200 की संख्या मैं जुआरियों द्वारा जुआ खेलने की बात शिकायत में सामने आई हैं लेकिन वायरल वीडियो में महज 10 से 12 लोग दिख रहे हैं हालांकि दावा किया जा रहा है ग्रामीणों के पहुंचने के बाद जुआरी वहां से भाग गए इस दौरान भागते हुए जुआरियों का वीडियो किसी ने नहीं बनाया और नही जुआ खेलते हुवे , हो सकता है सोशल दूरी का खयाल रखा गया हो ,लेकिन बात तो हाथापाई की भी आ रही है वही दूसरी ओर गांव की सरपंच द्वारा पूर्ण लॉकडाउन में कोरबा जिला कलेक्टर के दफ्तर तक शिकायत लिखित में पहुंच गया लेकिन संबंधित पुलिस चौकी और थाने में इसकी सूचना ना मौखिक दी गई और नही लिखित दी गई ना ही कि गई शिकायत की प्रतिलिपि दी गई, नही आपात स्थिति में 112 को सूचना दी गई , चलिए मान लेते हैं किसी कारणवश प्रतिलिपि नहीं पहुंच पाई लेकिन सरपंच द्वारा 1 दिन पूर्व कोरबा कलेक्टर से शिकायत करने के बाद दूसरे दिन सरपंच द्वारा दर्जनों ग्रामीणों को एकत्रित करते हुए राम भाठा जंगल में पहुँच गए जिसमे अधिकांश ग्रामीणो द्वारा मास्क भी नही लगाया गया था और 2 गज की दूरी की बात ही छोड़ दीजिए क्योंकि वायरल समाचारों में धक्का-मुक्की की बातों का उल्लेख किया गया है सबसे बड़ी बात यह है सरपंच द्वारा 1 दिन पूर्व शिकायत किया जाता है और दूसरे दिन स्वयं मौके पर ग्रामीणों को लेकर पहुंच जाते है क्या संक्रमण के दौरान सर्वप्रथम पुलिस को सूचना देने की आवश्यकता नहीं थी, जागरूकता आवश्यक है लेकिन क्या जिला के सबसे बड़े अधिकारी कलेक्टर दफ़्तर में शिकायत के बाद संक्रमण के दौरान दर्जनों ग्रामीणों को त्वरित पुलिस को सूचना दिए बगैर गांव के लोगों को इतनी संख्या में घरों से बुलाकर जंगल में ले जाने की आवश्यकता थी क्या संक्रमण का खतरा केवल जुआरियों पर है ग्रामीणों को भी उतना ही खतरा है गांव के सरपंच द्वारा अपराधिक गतिविधियों पर विरोध करना तो सराहनीय है लेकिन लॉक डाउन की स्वयं के द्वारा धज्जी उड़ाते हुए लाठियों से लैस लोगों को एकत्रित करना भी वर्तमान संक्रमण को देखते हुवे सही नही है ,वही इस वायरल वीडियो मामले में किसी आवेदक द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है , इस मामले कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि वास्तविक घटना से पर्दा उठ सके , हालांकि इस संदर्भ में पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज होने पर कार्रवाई की बात कही गई है, अधिकांश मामलों में शिकायतें मौखिक तक ही रह जाती है ऐसे मामलों पर शिकायत से संबंधित आवेदकों को भी खुलकर सामने आने की आवश्यकता है ताकि इस भारी संक्रमण के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यशैली पर दाग ना लगे , साथ ही इस तरह नियमों को ताक पर रखने वाले लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।




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