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जीवनदायिनी अरपा नदी छत्तीसगढ़ का गौरव और हमारी सांस्कृतिक पहचान : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जीवनदायिनी अरपा नदी बिलासपुर का ही नहीं छत्तीसगढ़ का गौरव है। यह नदी हमारी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी हुई है। राज्य गीत का पहला शब्द भी अरपा नदी को समर्पित है। उन्होंने कहा कि अरपा को पुनर्जीवित करने और प्रवाहमयी बनाने के लिए राज्य सरकार ने समय-समय पर अनेक कदम उठाए हैं और हम लगातार इसके लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बिलासपुर में 93 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत के अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन कार्य का शिलान्यास करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता गृहमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने की। गृह मंत्री और विशिष्ट अतिथि के तौर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में जुड़ें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा से हमारा भावनात्मक लगाव है। अरपा को पुनर्जीवित करने के लिए अरपा बचाव आंदोलन चलाया गया था और पद यात्राएं भी की गई थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी इन पद यात्राओं में शामिल हुए थे। अरपा को लेकर बिलासपुर के लोगों ने जो सपने देखे हैं, जिन कार्याें की लोगों को लम्बे समय से प्रतीक्षा थी, इस परियोजना के शिलान्यास के साथ उन सपनों के साकार होने की शुरूआत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन योजना में नदी के दोनों किनारों पर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 1.80 किलोमीटर की फोरलेन आधुनिक सड़क बनायी जाएगी। इससे शहर का यातायात सुगम तरीके से संचालित हो सकेगा। नेहरू चौक से शहर के व्यस्ततम गोल बाजार-सदर बाजार और शनिचरी बाजार की तरफ जाने के लिए शहरवासियों को एक व्यवस्थित वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा, वहीं सरकंडा की ओर भी लोगों को इन जगहों तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त मार्ग की सुविधा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट में नदी के दोनों ओर फोरलेन सड़क में डिवाइडर के साथ साथ सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इसके अलावा सड़क की पूरी लंबाई में आकर्षक स्ट्रीट और सोलर लाइट भी लगाई जाएगी। अरपा नदी में जमी सिल्ट को इस प्रोजेक्ट के तहत हटाने का भी काम शुरू किया जाएगा। जिससे बिलासपुर का जल स्तर रिचार्ज होगा। अरपा के जल को दूषित होने से बचाने के लिए सड़क के दोनों ओर पेरीफेरियल नाले बनाएं जाएंगे, शहर के गंदे पानी को पंपिग स्टेशन से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा तथा साफ पानी नदी में छोड़ा जाएगा। इससे बहुत हद तक अरपा को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। इस कार्य में अरपा के उत्थान के साथ-साथ तट संवर्धन का भी कार्य शामिल है। जिसमें नदी के दोनों ओर तट पर पिचिंग कार्य एवं तट से लगी भूमि पर खूबसूरत लैंड स्कैपिंग कर उद्यान विकसित करने की भी योजना है।

बघेल ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना संकट का सामना कर रहा है। दूसरी लहर में छत्तीसगढ़ में भी गंभीर चुनौतियां खड़ी की है। हम सब ने मिलकर कोरोना को काफी हद तक नियंत्रण करने में सफल हुए हैं। अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत तक संक्रमण दर पहुंच चुकी थी, जो अब घटकर केवल 11 प्रतिशत रह गई है। पूरे प्रदेश में टीकाकरण का काम तेजी से किया जा रहा है। टीकाकरण के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों को हमें नहीं भूलना है। इस संकट में हमारे सामने आर्थिक चुनौतियां भी खड़ी की हैं, लेकिन राज्य सरकार ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजनाओं से कोई समझौता नहीं किया है। मितव्ययता की दृष्टि से नवा रायपुर में नए राजभवन और नए सीएम हाउस सहित कई ऐसे निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। जिन्हें बाद में पूरा किया जा सकता है।  कार्यक्रम को अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर के अनेक सौगातें दी हैं। बिलासपुर का एयरपोर्ट प्रारंभ हुआ। एयरपोर्ट का नामकरण बिलासा देवी केंवटिन के नाम पर किया गया। कोरोना की चुनौतियों के बावजूद जनहितकारी योजनाओं का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन योजना के कार्याें को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूरा करने की उम्मीद जताई। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि अरपा नदी के संरक्षण के कार्याें के तहत शिवघाट और पचरी घाट में दो बैराजों का कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर शहर में पेयजल की व्यवस्था के लिए इस वर्ष के बजट में प्रावधानित 20 करोड़ रूपए की राशि के कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे।




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