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बलौदाबाजार : राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ उठाने पंजीयन अनिवार्य, किसानों को प्रति एकड़ 9 एवं 10 हज़ार मिलेगा आदान सहायता

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का निर्धारित पोर्टल पर पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन की प्रक्रिया कल 1 जून से शुरू हो रही है, जो कि अंतिम तिथि 30 सितम्बर तक चलेगी। योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को 9 हज़ार एवं 10 हज़ार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आदान सहायता ( इनपुट सब्सिडी) दी जायेगी। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज अधिकारियों की ऑनलाईन बैठक लेकर योजना के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी और शासन की मंशा के अनुरूप क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्दिकी, डीएफओ कृष्णा राम बढ़ाई,अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता सहित सम्बन्धित अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि फसल चक्र को बढ़ावा देनें, कृषि उत्पादन में वृद्धि एवं कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में बदलना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आगें बताया इस योजना के लिए सभी श्रेणी के भूमि स्वामी,वन पट्टाधिकारी किसान जो धान के साथ खरीफ की फसल मक्का,कोदो कुटकी, सोयाबीन,अरहर, तथा गन्ना उत्पादन करेंगे उन्हें 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि मिलेगा। और यदि उन्होंने गत वर्ष 2020-21 किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर धान बेचा गया है और वह यदि इस वर्ष धान के बदलें में सुगन्धित धान, मक्का, कोदो कुटकी,अरहर,सोयाबीन (दलहन/तिलहन) तथा गन्ना लगाता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार की आदान सहायता मिलेगा। इसके साथ ही यदि धान के बदलें केला,पपीता,का रोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की आदान सहायता राशि तीन वर्षों तक मिलेगा।

इस वर्ष नही मिलेगा लाभ

इस वर्ष संस्था गत भू धारक जैसे ट्रस्ट की जमीन को खेती करनें वाले ,रेगहा/ लिज पर खेती करनें वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे। भुइयां पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आकड़े तथा किसान के द्वारा आवदेन में अंकित फसल एवं रकबे में जो भी रकबा कम होगा वही रकबा मान्य होगा एवं उसी पर सहायता राशि प्रदान की जायेगी।

आवदेन की प्रकिया

श्री जैन ने आगें बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इस वर्ष सिलिग एक्ट के प्रावधानों को भी ध्यान में रखा जायेगा। किसान समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज ऋण पुस्तिका,बी1,आधार नम्बर, बैक पासबुक,की छायाप्रति सहित भरे हुए आवेदन को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापन कराना होगा। सत्यापन के बाद किसान अपना आवेदन सम्बंधित सोसायटी में समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। साथ ही पावती प्राप्त करेगा। सँयुक्त खातेदारों में किसान का पंजीयन नंबरदार के नाम से किया जाएगा एवं अन्य खातेदार को एक शपथ पत्र भी देना होगा। आधार नंबर सभी प्रक्रियाओं में अनिवार्य किया गया है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया है। जिसका सचिव उपसंचालक कृषि एवं सदस्यों के रूप में सीईओ जिला पंचायत, उपपंजीयक सहकारिता, खाद्य अधिकारी, लीड बैंक अधिकारी,नोडल बैंक अधिकारी सहकारी जिला सूचना अधिकारी शामिल है।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की तैयारियों का लिया जायजा

कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने वृक्षारोपण को बढ़ाना देने के उद्देश्य से राज्य शासन की नवीनतम योजना मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शासन ने यह योजना 1 जून 2021 से लागू कर रहीं है। इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक,निजी भूमि की उपलब्धता के अनुसार सभी ग्राम पंचायत एवं सँयुक्त वन प्रबंधन समिति को पात्रता होगा। इस योजना के तहत केवल गैर वनीय क्षेत्रों में ईमारती,गैर ईमारती,फलदार, बांस,अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन भूमि पर वन अधिकार पट्टा एवं राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण करनें पर 6 माह के भीतर नजदीकी वन परिक्षेत्र कार्यालय में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। इस योजना के अंतर्गत पेड़ो को काटने के लिए राजस्व विभाग के नियमों में संसोधन किया जा रहा है। अब कटाई की अनुमति ना लेकर केवल राजस्व एवं वन विभाग को केवल सूचना देना अनिवार्य होगा। ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध राशि से यदि वृक्षारोपण किया जाएगा एवं 1 साल बाद यदि वह वृक्षारोपण सफल रहा तो 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी तरह सँयुक्त वन प्रबंधन समिति को भी 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने खरीफ फसल 2020 में धान के फसल लिया हो और अब वह धान के बदले अपनें खेतों में वृक्षारोपण करता है तो उन्हें आगामी 3 सालों तक प्रतिवर्ष 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मनरेगा एवं शासन के अन्य योजना के तहत किया गया वृक्षारोपण इस योजना का लाभ नही ले सकता है। इस योजना में सफल वृक्षारोपण अर्थात 80 प्रतिशत रोपित पौधे एक वर्ष के बाद जीवित पौधों से है। तब ही वृक्षारोपण को सफल माना जायेगा।इस बैठक के दौरान सभी एसडीएम,जनपद सीईओ,वन, कृषि,राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।




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