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गूगल पर नौकरी तलाशने वाले 100 से अधिक लोग हुए ठगी के शिकार

साइबर अपराधी लोगों को कई तरह से ठगी का शिकार बना रहे हैं। कोरोना की वजह से हजारों की नौकरियां चली गई। गूगल पर नौकरी तलाशने वाले ऐसे ही 100 से अधिक लोग शहर में ठगी के शिकार हो गए। उनसे 50 लाख रुपए से अधिक ठग लिए। अब सभी एफआईआर करने की तैयारी में है। पीड़ितों ने जब गूगल में पार्ट टाइम जॉब पता लगाने की कोशिश की तो इसमें फ्लिपकार्ट के नाम से बनाए गए फर्जी लिंक मिले। खोलने पर इनमें वाट्सएप नंबर नजर आए।

इनमें सभी से जुड़ने के लिए कहा गया। जुड़ते ही ग्रुप में शामिल हो गए। इनमें 10-15 लोग पहले से थे और इनके प्रोफाइल में किसी में फ्लिपकार्ट के डायरेक्टर तो किसी के एमडी व किसी के में वरिष्ठ प्रबंधक लिखा हुआ था। वाट्सएप ग्रुप में जुड़ते ही कंपनी के कथित अधिकारियों ने लिंक भेजा। इसे खोलने के लिए कहा गया। खुला तो एप्लिकेशन मिला। इसमें फोन नंबर, पासवर्ड व वेरीफिकेशन कोड डालने के लिए बोला गया।

यह आगे जारी रहा और फिर आया असली खेल। प्रोफाइल में वीआईपी वन से लेकर वीआईपी सिक्स तक के केटेगिरी के प्रोफाइल थे। वीआईपी वन में रहने के लिए एक खाते में ऑन लाइन 500 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था। इसके एवज में हर रोज 30 रुपए देने का झांसा दिया गया था।

इसी तरह वीआईपी-2 में 3000 हजार रुपए के बदले रोज 150 से 250 तक, वीआईपी-3 में 10 हजार रुपए जमा करने पर 600-850 रुपए, वीआईपी-4 में 30 हजार रुपए डालने पर 2000 से 2500 रुपए, वीआईपी-5 में 1 लाख डालने पर 6000-7000 व वीआईपी-6 में 2 लाख जमा करने पर प्रतिदिन 40 हजार रुपए मिलने का झांसा दिया गया था।

पीड़ितों में वीआईपी वन से लेकर वीआईपी सिक्स के लोग शामिल है। सभी ठगों के बताए एकाउंट में पैसा डालते गए। ठगों ने उनके नाम का कंपनी में बनाए खाते दिखाए। इसमें जितना पैसा डालते थे,कमीशन के साथ बढ़ा हुआ नजर आता था। 

इसमें सभी लोग करीब 2 माह से जुड़े हुए थे। जो जुड़े थे फायदे को देखते हुए अपने रिश्तेदारों को इसमें जुड़ने के लिए प्रेरित किया और सभी फंसते गए। ग्रुप में जुड़े लोगों का एकाउंट तो था पर विड्राल की व्यवस्था नहीं थी। बताया गया कि 25 जून को सभी के खाते में पैसे डाल दिए जाएंगे और 25 जून से एक दिन पहले ही कंपनी के सारे नंबर बंद हो गए।

कभी फोन पर बात नहीं करते थे
राजकिशोर नगर निवासी पीड़ित सोमा लहरी के अनुसार ग्रुप में शामिल ठग कभी फोन पर बात नहीं करते थे। केवल वाट्सअप से चैटिंग करते थे। ग्रुप में शामिल कथित अनन्या शर्मा ने खुद को कंपनी का सीनियर मैनेजर बताया। इसी तरह लिंजा नाम के व्यक्ति ने खुद का परिचय सभी को वरिष्ठ ग्राहक सेवा प्रबंधक के रूप में दिया।

इसी तरह कथित चक्रवर्ती ने खुद को कंपनी का जीएम और एमडी बताया। इनमें से किसी ने कभी भी फोन से बात नहीं की। केवल वाट्सअप चैट करते थे। सोमा के अनुसार एक बार उन्होंने बात करने के लिए कहा तो मना कर दिया। कहते थे रेगुलर एप्लाई हो जाएंगे तो आपको बेेंगलुरु बुलाया जाएगा फिर बातचीत होगी।

ये ठगे गए,500 से 1 लाख तक गवाएं
सोमा लहरी,प्रांतिक ज्योतिष तुषार दास संदीप दास माेनिरा खातून मुनमुन पूनम साय,मुनमुन सेन, चैताली, संजय, सयानी, नितेश, धवल, पपिया सिन्हा, असीम बैग, सुमाना सिंह,बिलास कुमार दत्ता सहित अन्य शामिल है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने 500 से 1 लाख रुपए तक की रकम गवा दी।

अब सारे वेबलिंक बंद
अब सारे वेबलिंक बंद कर दिए गए उनके बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े लोगों को हटा दिया गया। पैसे ठग लिए गए और फोन नहीं उठज्ञ रहे। इसी तरह संदेशों का कोई जवाब नहीं दे रहे।

लॉकडाउन के बाद काम छूटा तो शहर के लोगों ने गूगल से ऑन लाइन जॉब खोजना शुरू किया, जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती रहे। बिलासपुर में ही ऐसे 100 से अधिक लोग है और इन्होंने 50 लाख से अधिक रकम गवा दी। इन्होंने अब अपना अलग से वाट्सएप ग्रुप बना लिया है। एक साथ सभी ने थाने में एफआईआर कराने का निर्णय लिया है।

ठगों के ये हैं वेबलिंक्स
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इस तरह के फर्जी लिंक से बचें

  • बिलासपुर में हुई ठगी के संबंध में कंपनी के उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है। फर्जी लिंक से बचें। लोग सावधानियां बरतें। कंपनी किसी तरह ऑनलाइन जॉब का ऑफर नहीं देती। – गुलरेज अली, फ्लिपकार्ट सुरक्षा, अधिकारी, रायपुर




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