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शिक्षकों की कोरोना संक्रमित होने से मौत....50लाख मुआवजा की माँग

कोरोना की रोकथाम के लिए लगाई गई ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से दो शिक्षको की मौत होने पर मुआवजा के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई।जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने मामले कि प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी राज्य शासन को निर्धारित अवधि के भीतर जवाब – तलब किया है नीरा देवी,नरेंद्र सिंह ठाकुर और शिव सारथी ने अपने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत अपनी याचिका में कहा है कि आरंग ब्लाक में पदस्थ रहे निरा देवी के पति महेंद्र कुमार की ड्यूटी कोरोना रोकथाम में लगाई गई थी।इसी प्रकार माध्यमिक शाला विवेकानंद रायपुर में पदस्थ नरेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी नीरा ठाकुर की भी ड्यूटी कोरोना रोकथाम में लगाई गई थी। 

इस दौरान उनकी संक्रमित होकर मौत हो गई।याचिकाकर्ता शिव सारथी और अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से माननीय न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग,महिला बाल और सफाई विभाग के कर्मचारियों को कोरोना ड्यूटी के दौरान मौत होने पर 50 लाख का बीमा लाभ दिया जाता है पर अन्य विभाग के शासकीय कर्मचारियों को नहीं इसके बावजूद हाईरिस्क ड्यूटी बिना संसाधन और बीमा कवर के लगा दिया जाता है जिससे दो वर्ष में अनेकों शिक्षको सहित शासकीय कर्मचारियों की मौत हो गई है उन्हे भी मुआवजा राशि दिया जाना चाहिए। जिस ओर संज्ञान लेकर माननीय हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है उम्मीद है मृत शिक्षक सहित अन्य शासकीय कर्मचारियों को इसका लाभ मिल जाए साथ ही आने वाले समय में बिना संसाधन और बीमा कवर के korona ड्यूटी से मुक्ति मिले।




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