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रायगढ़ फिर बना नम्बर 01... छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 189 गौठान बने स्वावलंबी...

छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 5963 गौठानों में से 1242 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। स्वावलंबी गौठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं। गौठानों को स्वावलंबी बनाने में रायगढ़ जिला पूरे प्रदेश में अव्वल है। यहां सर्वाधिक 189 गौठान स्वावलंबी हुए है। दूसरे नंबर पर कबीरधाम जिले में 141 गौठान तथा तीसरे क्रम पर राजनांदगांव जिले में 101 गौठान स्वावलंबी हुए है। रायगढ़ जिले में कलेक्टर श्री भीम सिंह ने गौठान संचालन के ऊपर लगातार बैठके कर कार्य की समीक्षा की। गोधन न्याय योजना के संचालन की भी लगातार मॉनिटरिंग की गई। जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम के द्वारा गौठानों का निरीक्षण करवाया गया। जिससे प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर गौठानों में कार्य को और बेहतर किया गया। इसी का परिणाम है कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक स्वावलंबी गौठान रायगढ़ जिले में संचालित है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले में 25, धमतरी में 43, बलौदाबाजार में 49 तथा रायपुर जिले में 25 कबीरधाम जिले में 141, दुर्ग में 64, बालोद में 30, बेमेतरा में 22, राजनांदगांव जिले में 101, कोरबा में 61, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 25, जांजगीर-चांपा में 44, बिलासपुर में 34, मुंगेली में 20, रायगढ़ में 189, कोरिया में 23, जशपुर में 36, बलरामपुर में 18, सरगुजा में 39, सूरजपुर में 22, कांकेर में 69, कोण्डगांव में 21, दंतेवाड़ा में 29, नारायणपुर में 5, बस्तर में 26, बीजापुर में 12 तथा सुकमा जिले में 18 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक 10107 गांवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिसमें से 5963 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही है। वर्ममान में 3220 गौठानों का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है शेष 924 गौठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गौठानों में पशुधन के देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे का इंतजाम भी किया जा रहा है। अब तक 4 हजार से अधिक गौठानों में लगभग 7600 एकड़ में हरा चारा लगाया गया है, जिसमें हाईब्रिड नेपियर घास का रोपण एवं अन्य चारा बुआई की गई है।




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